बैतूल जिले में ठंड का सितम और बढ़ गया है। बीती रात तापमान इतना गिर गया कि खेतों में और फसलों पर बर्फ जम गई। माचना नदी के किनारे का इलाका सुबह गुलमर्ग की मानिंद जरूर नजर आ रहा था, लेकिन इसने फूल वाली और सब्जियों की फसल तबाह कर दी। इससे किसानों की कमर ही टूट गई है।
बीते 4 दिनों से बैतूल जिला शीतलहर की चपेट में है और तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बुधवार-गुरुवार की रात का न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस था। संभावना जताई जा रही थी कि गुरुवार-शुक्रवार की रात को तापमान और कम रहेगा। आज सुबह लोग जब उठकर खेतों की ओर पहुंचे तो यह संभावना सही होती नजर आई।
मलकापुर क्षेत्र में माचना नदी के किनारे के खेतों में हाल यह थे के दूर-दूर तक बर्फ की चादर बिछी नजर आ रही थी। वहीं धूप खिलने पर खेत चांदी की तरह चमकते नजर आए। हालांकि बर्फ जमने से फसलों को खासा नुकसान हुआ है। इससे फसलों को बचाने कई किसान सुबह-सुबह कड़ाके की ठंड में फसलों की सिंचाई करते नजर आए।
मलकापुर के सब्जी उत्पादक किसान रमेश हजारे बताते हैं कि बर्फ जमने से सभी फूल वाली फसलों के साथ ही सभी सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। सब्जी, बेला, टमाटर, चना की फसलें बर्बाद हो गई हैं। किसानों द्वारा मेहनत से तैयार फसल चंद घण्टों में तबाह हो गई है। अपनी फसलों के यह हाल देखकर किसान बेहद मायूस हो रहे हैं।
सबसे सर्द रही गुरुवार-शुक्रवार की रात
बीती रात का न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री दर्ज किया है। इस सीजन का यह सबसे कम तापमान है। इस सीजन में इसके पहले न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री पर पहुँचा था। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की थी कि बैतूल में तीव्र शीतलहर चलेगी। मौसम वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी सटीक बैठ रही है।