जिले में रविवार 14 नवंबर को देवउठनी ग्यारस पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है एवं संबंधित ग्राम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम कोटवार, सरपंच, सचिव तथा एएनएम, संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर को भी अपने-अपने क्षेत्रों में होने वाले बाल विवाह रोकने हेतु उड़नदस्तों का गठन किया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास संजय जैन ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाएं एवं 21 वर्ष के कम उम्र के बालकों का विवाह कानूनी अपराध है। बाल विवाह का प्रभाव बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व मानसिक विकास में बाधक है। देवउठनी ग्यारस एकादशी पर बाल विवाह होने की अधिक संभावनाएं होती है। बाल विवाह की संभावनाओं को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार जैन के मोबाइल नंबर 9406731311, परियोजना अधिकारी आमला चयेन्द्र बुड़ेकर (9479470617), परियोजना अधिकारी बैतूल राकेश त्रिवेदी (9425003451) तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी विनोद कुमार इवने (7746023605), चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक सुनील गुजरे के मोबाइल नंबर 8839535830 पर सूचना दे सकते हैं। बाल विवाह की सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा। प्राप्त सूचना पर टीम अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचकर नियमानुसार कार्रवाई करेगी।
ग्यारस पर बाल विवाह रोकने प्रशासन मुस्तैद, कंट्रोल रूम और उड़नदस्ते बने
जिले में रविवार 14 नवंबर को देवउठनी ग्यारस पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कंट्रोल रूप स्थापित किया गया है एवं संबंधित ग्राम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम कोटवार, सरपंच, सचिव तथा एएनएम, संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर को भी अपने-अपने क्षेत्रों में होने वाले बाल विवाह रोकने हेतु उड़नदस्तों का गठन किया गया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास संजय जैन ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र की बालिकाएं एवं 21 वर्ष के कम उम्र के बालकों का विवाह कानूनी अपराध है। बाल विवाह का प्रभाव बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व मानसिक विकास में बाधक है। देवउठनी ग्यारस एकादशी पर बाल विवाह होने की अधिक संभावनाएं होती है। बाल विवाह की संभावनाओं को देखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है। इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार जैन के मोबाइल नंबर 9406731311, परियोजना अधिकारी आमला चयेन्द्र बुड़ेकर (9479470617), परियोजना अधिकारी बैतूल राकेश त्रिवेदी (9425003451) तथा जिला बाल संरक्षण अधिकारी विनोद कुमार इवने (7746023605), चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक सुनील गुजरे के मोबाइल नंबर 8839535830 पर सूचना दे सकते हैं। बाल विवाह की सूचना देने वालों का नाम गुप्त रखा जाएगा। प्राप्त सूचना पर टीम अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचकर नियमानुसार कार्रवाई करेगी।
उत्तम मालवीय
मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।
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