▪️ नवील वर्मा, शाहपुर
बैतूल जिले में कांग्रेस की एक बार फिर खासी किरकिरी हो रही है। इसकी वजह है पार्टी द्वारा लिया गया एक बचकाना निर्णय। दरअसल, पार्टी ने उन कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्काषित किए जाने का फरमान जारी किया है जो खुद ही पार्टी छोड़ चुके थे। कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि आम लोग भी पार्टी द्वारा लिए गए इस निर्णय को लेकर सवाल खड़े करने लगे हैं।
गौरतलब है कि नगरीय चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी के आधा सैकड़ा से अधिक कार्यकर्ताओं ने ब्लॉक कांग्रेस कमेटी शाहपुर की कार्यप्रणाली को लेकर 24 जून 2022 को सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया था। यह इस्तीफा उन्होंने पार्टी जिला अध्यक्ष सुनील शर्मा, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ एवं पीसीसी कार्यालय मेल कर दिया था। यह कार्यकर्ता जब स्वयं ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके थे तो उनके निष्काषन की कोई जरुरत ही नहीं थी। उनका इस्तीफा केवल स्वीकार भर करना था।
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इसके विपरीत ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष के द्वारा घोड़ाडोंगरी विधायक से कहकर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री राजीव सिंह से पार्टी के 13 कार्यकर्ताओं को निष्कासित किए जाने का पत्र जारी कराया गया। अब सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब आधा सैकड़ा से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता पहले ही अपना इस्तीफा दे चुके तो इस तरह की निष्काषन की कार्यवाही का आखिर क्या औचित्य है? इस तरह की कार्यवाही से शाहपुर नगर और क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी की खासी किरकिरी हो रही है।
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