विश्व जल दिवस के मौके पर बैतूल में श्रमदानियों ने जल सरंक्षण के लिए अनूठी पहल की। यहां गंगावतरण अभियान के श्रमदानियों ने बैतूल की सोनाघाटी पर एकत्रित होकर वर्षाजल संरक्षण हेतु जल संरचनाओं का निर्माण किया।
अभियान से जुड़े श्रमदानी पिछले छः वर्ष से इस पहाड़ी पर पुनः हरियाली लाने के लिए वर्षाजल का संरक्षण व पौधारोपण का कार्य कर रहे हैं। प्रति रविवार यहाँ श्रमदान के माध्यम से खंतियाँ बनाई जाती है। कोरोना और लॉकडाउन के समय भी श्रमदानियों ने जलसंरचनाएँ बनाई। इन्हीं के प्रयासों का नतीजा है कि उजाड़ हो चुकी यह पहाड़ी अब हरियाली से लहलहाने लगी है। यही नहीं पहाड़ी पर खोदी गई खंतियों के कारण आसपास का जल स्तर भी खासा बढ़ गया है।
आज विश्व जल दिवस पर गंगावतरण अभियान के संयोजक मोहन नागर, आशीष अलोने, एडवोकेट अभय श्रीवास्तव, भारत भारती के प्रधानाचार्य राजेश पाटिल, आईटीआई के प्राचार्य विकास विश्वास, अधीक्षक जितेंद्र तिवारी, नितेश राजपूत, भूपेंद्र गढ़ेवाल, देवेंद्र बेले, योगेश चिकाने, अमर धुर्वे, लोकेश धुर्वे, जितेंद्र ठाकरे, निम्बाजी गायकवाड़, हरिशंकर पोटफोड़े, हर्ष अलोने सहित बैतूल नगर व ग्रामीण क्षेत्र के श्रमदानियों ने प्रातः 6 से 8 बजे तक चले श्रमदान में सहभागिता की।