Holi Kab Hai : इस दिन मनाई जाएगी होली? जानिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Holi Kab Hai : होली का महापर्व हर साल फाल्गुन मास में मनाया जाता है। होली सभी बड़े त्‍योहारों में से एक है। होली एक सांस्‍कृतिक, धार्मिक और पारंपरिक त्‍योहार है, जिसे पूरे विश्‍व में बड़ ही धुमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुसार होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है। होली भाईचारे, आपसी प्रेम और सद्भावना का प्र‍तीक है। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाकर बधाई देती है। सभी के घरों में इस दिन गुझिया और पकवान बनते हैं। आइए जानते हैं इस साल होली की सही तारीख और शुभ मुहूर्त क्या है?

पूर्णिमा तिथि (Holi Kab Hai)

फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन और इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 09 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा।

पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 24 मार्च, की सुबह 9 बजकर 54 मिनट से शुरू होगी। फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन और इसके अगले दिन होली मनाई जाती है। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) देररात 11 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा और 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। यानी पूरे 1 घंटे और 14 मिनट तक होलिका जलाई जा सकेगी और होलिका दहन की पूजा संपन्न की जाएगी।

कब है होली 2024? (Holi Kab Hai 2024)

होलिका दहन 24 मार्च के दिन है इस चलते होली 25 मार्च, सोमवार के दिन खेली जाएगी। रंगों वाली होली की देशभर में धूम देखने को मिलती है। कहते हैं इस दिन पराए भी अपने हो जाते हैं और दुश्मन भी एक-दूसरे को गले लगाकर होली की बधाई देते हैं। इस दिन देशभर में धूमधाम से होली मनाई जाएगी।

होलिका दहन पूजा की विधि (Holi Kab Hai)

  • होलिका दहन की पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करना जरूरी है।
  • स्नान के बाद होलिका की पूजा वाले स्थान पर उत्तर या पूरब दिशा की ओर मुंह करके बैठ जाएं।
  • पूजा करने के लिए गाय के गोबर से होलिका और प्रहलाद की प्रतिमा बनाएं।
  • वहीं पूजा की सामग्री के लिए रोली, फूल, फूलों की माला, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी,।मूंग, बताशे, गुलाल नारियल, 5 से 7 तरह के अनाज और एक लोटे में पानी रख लें।
  • इसके बाद इन सभी पूजन सामग्री के साथ पूरे विधि-विधान से पूजा करें। मिठाइयां और फल चढ़ाएं।
  • होलिका की पूजा के साथ ही भगवान नरसिंह की भी विधि-विधान से पूजा करें और फिर होलिका के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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