water crisis : जिला मुख्यालय से चंद किमी दूर चार महीने से बंद पड़ा है इकलौता हैंडपंप, झीरिया का पानी पीने को मजबूर बच्चे और ग्रामीण

  • लोकेश वर्मा, मलकापुर
    बैतूल कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में भी पानी की किल्लत ना होने देने की सख्त हिदायत पीएचई विभाग को दे रखी है। लेकिन लगता नहीं कि विभाग इस हिदायत पर जरा भी गंभीरता से अमल कर रहा है। दूरदराज के गांवों में तो दूर जिला मुख्यालय से चंद किलोमीटर दूर स्थित ग्राम बोडी में भी विभाग शुद्ध जल मुहैया नहीं करा पा रहा है। आलम यह है कि यहां के ग्रामीणों ही नहीं बल्कि स्कूली बच्चों तक को झिरिया का गंदा और मटमैला पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है।

    वैसे तो यह गांव ही विकास से कोसों दूर हैं। लेकिन ग्रामीणों को शुद्ध जल तक फिलहाल नसीब नहीं हो पा रहा है। गंभीर जल संकट से निपटने के लिए पंचायत प्रशासन व पीएचई विभाग भी गंभीर नहीं है। ग्राम बोड़ी के स्कूल ढाना एवं गौली ढाना के 50 परिवार के लोगों के लिए एकमात्र हैंडपंप है। क्षेत्र में दिनाेंदिन जल स्तर में गिरावट के कारण लोगों को पीने के पानी का संकट गहराता जा रहा है। शासन प्रशासन द्वारा पेयजल की व्यवस्था नहीं करने पर गांव के लोगों में विरोध दिखने लगा है।

    चार महीने से बंद है हैंडपंप

    ग्रामवासियों का आरोप है कि चार माह पूर्व स्कूल के पास लगे इस हैंडपंप में मोटर पंप डालने का कार्य ठेकेदार द्वारा किया जा रहा था। मोटर के साथ-साथ हेडपंप भी लगना था परंतु कार्य के दौरान ठेकेदार के मजदूरों ने हैंडपंप में पाइप गिरा दिया। जिससे कि पेयजल का एकमात्र बोर बेकार हो गया। जब से आज पर्यंत तक वह हैंडपंप वैसा ही है।

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    50 परिवार मजबूर हैं झिरिया का पानी पीने को

    बोड़ी के स्कूल ढाना एवम गौली ढाना के 50 परिवार सहित स्कूल में अध्ययनरत बच्चे हैंडपंप बंद होने से झीरिया का पानी पीने को मजबूर हैं। इनके साथ-साथ बंदर, गाय, भैंस, पशु-पक्षी आदि भी इसी झीरिया पर निर्भर है।

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    विभाग के कर्मचारी धमकाते हैं शिकायतकर्ताओं को

    ठेकेदार की लापरवाही से खराब हुए इस हैंडपंप की 181 पर शिकायत करने पर पीएचई विभाग के कर्मचारी गांव वालों को धमकाकर शिकायत वापस लेने लगाते हैं। पेयजल संकट के प्रति सरकार की उदासीनता और विभागीय अनदेखी चिंताजनक है।

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    दूसरे बोर खनन की है दरकार

    एक तरफा मतदान करने वाला बोड़ी ग्राम जलसंकट से जूझ रहा है। इस गांव में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सरकारी स्तर पर होना चाहिए। सरकार और जिला प्रशासन द्वारा हर गांव में पेयजल सुविधा मुहैया कराने का दिया गया आश्वासन भी खोखला साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस से जल्द पेयजल की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है।

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  • उत्तम मालवीय

    मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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