UPSC Success Story : किसान के बेटे ने बिना कोचिंग के क्रैक किया UPSC, जॉब के साथ 8 घंटे करते थे पढ़ाईं, जानें कैसे….

By
On:
UPSC Success Story : किसान के बेटे ने बिना कोचिंग के क्रैक किया UPSC, जॉब के साथ 8 घंटे करते थे पढ़ाईं, जानें कैसे....
UPSC Success Story : किसान के बेटे ने बिना कोचिंग के क्रैक किया UPSC, जॉब के साथ 8 घंटे करते थे पढ़ाईं, जानें कैसे….

UPSC Success Story: जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए मेहनत, लगन धैर्य और कभी हार न मानने का हौसला इन सभी की जरूरत होती है। यही सब लोगों को आगे तक ले जाता है। इस बात का सही उदाहरण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी हैं। जो सामान्य या फिर आर्थिक रूप से कमजोर परिवेश होते हुए भी अपनी मेहनत और काबिलियत हासिल करते हैं और अपने जैसे अन्य युवाओं को अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं। ऐसे ही एक कहानी है शिवम द्विवेदी कि जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते छोटे गांव से निकलकर सरकारी स्कूल से पढ़कर आगे बढ़े। आइए जानते है उन्‍होंने किस तरह एनआईटी से यूपीएससी (UPSC) तक का सफर तय किया है।

गांव से ही की शुरुआती पढ़ाई (UPSC Success Story)

यूपी के बांदा जिले के महूटा गांव में जन्मे शिवम एक एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता किसान हैं, वहीं मां गृहिणी। किसान पिता ने अपनी मेहनत से अपने बच्चों को पढ़ाया। शिवम के बड़े भाई इंजीनियर हैं। रिपोर्ट के अनुसार शिवम बचपन से ही पढ़ाई में तेज रहे हैं। गांव के ही प्राइमरी स्कूल से शुरूआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने तहसील से 10वीं, 12वीं की पढ़ाई पूरी की।

NIT से पढ़ाई के बाद बिजली विभाग में मिली थी नौकरी (UPSC Success Story)

शिवम ने 12वीं के बाद NIT अगरतला से बीटेक किया है। बीटेक करने के बाद शिवम का 2020 में बिजली विभाग में SDO पद पर चयन हो गया। उसे कानपुर पनकी पॉवर प्लांट में तैनाती भी मिल गई। लेकिन वह संतुष्ट नहीं हुआ, उसने ड्यूटी के साथ साथ UPSC की तैयारी जारी रखी।

किसान के बेटे ने किया यूपीएससी क्रैक (UPSC Success Story)

मीडिया की जानकारी के मुताबिक शिवम ऐसी कामयाबी से संतुष्ट नहीं थे। उनके अंदर बड़ा पद पाने की इच्छा थी। ऐसे में उन्होंने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया। शिवम ने यूपीएससी इंजीनियरिंग सर्विसेज परीक्षा की प्रिपरेशन शुरू की। उन्होंने मीडिया इंटरव्यू में बताया कि तैयारी के लिए उन्होंने अपनी नौकरी से छुट्टी ले ली थी। वह रेगुलर 8 घंटे की पढ़ाई करते थे। इसके साथ ही वह स्टडी प्लान बनाकर मेहनत की। उन्हें उनकी इस मेहनत का फल तब मिला जब उन्हें पता चला कि उन्होंने यूपीएससी आईईएस की परीक्षा में 20वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने मां-बाप और भगवान को दिया।

“बैतूल अपडेट” व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें 👇

For Feedback - feedback@example.com

Related News