UPSC Success Story: आईएएस सक्सेस स्टोरी (IAS Success Story) में हम हर दिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों की कहानी सुनते हैं। इसी कड़ी में आज हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में सफलता पाई। इस बीच उनके सारे शौक अधूरे ही रह जाते है और सिविल परीक्षा में रैंक उनकी एकमात्र मंजिल बन जाती है। इन सब बुनियादी विचारों से परे है कविता रामू (Kavitha Ramu) की आईएएस बनने की कहानी। लेकिन कविता ने अपने दोनों सपनों को पूरा किया है। आइए जानते है इनके सोलो पारफॉर्मर से आईएएस अधिकारी बनने तक का सफर।
कविता भी अपने पिता से बहुत प्रेरित थीं। कविता के पिता एक आईएएस अधिकारी थे और इसलिए उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का फैसला किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि कविता रामू न केवल यूपीएससी (UPSC Success Story) क्रैक करने में सफल रहीं बल्कि शास्त्रीय नृत्य के क्षेत्र में भी अपना नाम बनाया।
चार साल की उम्र में शुरू किया भरतनाट्यम (UPSC Success Story)
कविता रामू बचपन से ही नृत्य के क्षेत्र में शामिल हो गई थी। उन्होंने बड़े मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया और कुल मिला कर 600 स्टेज परफॉर्मेंस भी किए। जिसके प्रेरणा उन्हें उनकी मां से मिलती थी। उनके पिता खुद एक आईएएस अधिकारी थे और कविता को कला के साथ साथ पढ़ाई के लिए भी प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन के दौरान इकोनॉमिक्स (Economics) विषय लेकर अपनी यूपीएससी की तैयारी (UPSC Prepration) शुरू कर दी। जिसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
आईएएस कविता रामू की शिक्षा (UPSC Success Story)
आईएएस कविता रामू की शुरुआती पढ़ाई तमिल नाडु के अलग-अलग शहरों में पूरी हुई है। उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है (Economics)। अपने पिता से प्रेरित होकर कविता ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ ही सिविल सर्विस की तैयारी भी शुरू कर दी थी। फिर उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए (MA In Public Administration) की डिग्री हासिल की थी। वह कॉलेज टॉपर रही थीं।
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कविता रामू ने ऐसे किया सपना पूूूरा (UPSC Success Story)
कविता ने वर्ष 2002 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद सिविल सेवक (Civil Servant) के रूप में अपने करियर के दौरान कविता रामू को चेन्नई के नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सहायक आयुक्त, वेल्लोर में राजस्व मंडल अधिकारी और तमिलनाडु रोड सेक्टर प्रोजेक्ट में राहत और पुनर्वास के लिए संयुक्त आयुक्त के रूप में तैनात किया गया। उन्होंने तमिलनाडु राज्य पर्यटन विकास निगम के महाप्रबंधक और संग्रहालयों के निदेशक के रूप में भी काम किया है। आपको बता दें कि वर्ष 1999 में उनका चयन तमिलनाडु स्टेट सिविल सर्विसेज में हुआ था। लेकिन उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी। वर्ष 2002 में कविता को संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफलता मिली। जिके के बाद उनका आईएएस अधिकारी के रूप में चयन हो गया।