UPSC Success Story: भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं जेईई, गेट, स्टेट सर्विसेज, यूपीएससी आईएएस में से किसी एक को भी पास कर पाना लोगों का सपना होता है। यदि आपसे कहे कि यह सारी परीक्षा किसी एक व्यक्ति ने सिर्फ एक प्रयास में टॉप रैंक हासिल की हैं, तो आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे।
जी हां गौरव बुडानिया ऐसे शख्स है जिन्होंने इन सभी परीक्षाओं को टॉप लेवल रैंक हासिल कर एक ही प्रयास में ही पास किया है। आज हम आपको इन्हीं की सफलता की कहानी बता रहे हैं।
आईएएस गौरव बुडानिया की जीवनी
यूपीएएसी 2020 में 13वीं रैंक हासिल करने वाले गौरव बुडानिया मूलरूप से झुंझुनूं जिले की अलसीसर तहसील के गांव चुरू के रहने वाले हैं। इनका बचपन चुरू में बीता था। इनके पिता रामप्रताप सिंह बुडानिया चुरू में वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। गौरव आईआईटी बीएचयू से बीटेक और सोशियोलॉजी में एमए की पढ़ाई करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गए थे।
ऐसे तैयार की स्ट्रेटजी
गौरव ने सबसे पहले यूपीएससी की वेबसाइट पर जाकर सिविल सेवा का सिलेबस देखा। इससे उन्हें यह आइडिया हो गया कि कैसे उन्हें आगे का सफर तय करना है। इसके बाद उन्होंने बेसिक और स्टैंडर्ड किताबें चुनीं। फिर बेहतर शेड्यूल बनाकर कड़ी मेहनत में जुट गए। उनके मुताबिक आपको हर दिन तय समय के अनुसार पढ़ाई करनी होगी और साथ में नोट्स बनाने होंगे, ताकि आखिर में आसानी ने रिवीजन किया जा सके।
गौरव का इंटरव्यू (UPSC Success Story)
दो माह में दो बार अफसर बने गौरव बुडानिया
बता दें कि राजस्थान लोक सेवा आयोग यानी आरपीएससी ने दो माह पहले ही आरएएस 2018 का परिणाम घोषित किया था, जिसमें गौरव बुडानिया ने 12वीं रैंक हासिल की थी और 13वीं रैंक प्राप्त करते हुए यूपीएससी परीक्षा क्रैक कर डाली। संभवतया ये राजस्थान के पहले शख्स हैं, जो महज दो माह में दो बार टॉप लेवल के अफसर बने हैं।
अन्य कैंडिडेट्स को गौरव की सलाह (UPSC Success Story)
गौरव का मानना है कि अगर आप यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको लगातार बेहतर रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा। वे कहते हैं कि जब तक आप हर दिन इसके लिए प्रयास नहीं करेंगे, तब तक आप अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाएंगे। उनके मुताबिक कड़ी मेहनत, सही रणनीति, ज्यादा से ज्यादा रिवीजन, नोट्स मेकिंग, आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस और सकारात्मक रवैया सफलता के लिए काफी जरूरी होता है।