UPSC Success Story : सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) में सफलता प्राप्त करने का सपना लगभग हर उम्मीदवार देखता है। इस सपने को सच करने का भरपूर प्रयास भी सभी करते हैं। लेकिन, उनमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं और यूपीएससी परीक्षा पास करके अपना सपना पूरा कर पाते हैं.
ऐसे कई उम्मीदवार हैं जो तीन-चार अटेंप्ट के बाद यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करने में सफल होते हैं। वहीं कुछ उम्मीदवार ऐसे भी होते हैं जो अपने पहले अटेंप्ट में ही परीक्षा पास कर लेते हैं।
आईएएस अधिकारी अनिरुद्ध यादव भी उन प्रतिभाशाली युवाओं में से एक हैं जिन्होंने पहले प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया था। हालांकि, तब उन्हें IRPS यानी इंडियन रेलवे पर्सेनेल सर्विसेज मिला था। इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्हें भारतीय सूचना सेवा यानी IIS मिली। वहीं अब चौथे प्रयास में 8वीं रैंक के साथ IAS बने हैं। आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी के बारे में…
अनिरूद्ध का परिचय और शिक्षा
अनिरुद्ध का जन्म तो चंडीगढ़ में हुआ, मगर स्कूली शिक्षा दिल्ली में हुई है। वर्ष 2018 में आइआइटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की। इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी प्रारंभ कर दी। निरंतर चौथे प्रयास में सफलता मिली। पहले प्रयास में इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विस में चयन हुए। दूसरे में इंडियन इन्फार्मेशन सर्विस में चयन हुआ। वे वर्तमान में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
अनिरुद्ध ने बताया कि पिता मनोज यादव वर्तमान में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में डायरेक्टर जनरल (Investigation) हैं। मां बनीता यादव केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय में ग्रेड-1 अधिकारी रही हैं, उन्होंने वीआरएस ले लिया है। अनिरुद्ध के भाई आदित्य विक्रम यादव असम कैडर 2008 के आइएएस अधिकारी हैं, जो शिव सागर जिले में डीएम के पद पर तैनात हैं।
आईआईटी दिल्ली से की एमटेक की पढ़ाई
परीक्षा से पहले, अनिरुद्ध घंटों पढ़ाई करते थे और समय का कोई हिसाब नहीं होता था। आम तौर पर, एक दिन में 16 से 17 घंटे पढ़ाई करते थे। आईआईटी दिल्ली से एमटेक कर चुके अनिरुद्ध यादव के पसंदीदा खेलों में फुटबॉल और स्क्वैश शामिल हैं।
अनिरुद्ध ने बताया सफलता का राज
यूपीएससी टॉपर अनिरुद्ध यादव (Anirudh Yadav) का कहना है की यूपीएससी (UPSC – Union Public Service Commission) जैसे बड़े लेवल की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी को अपनी स्ट्रेटजी एग्जाम से पहले तैयार करना चाहिए। साथ में असफलता पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि अपनी कमियों पर ध्यान देना चाहिए और उस पर मेहनत करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि अगर आप खुद पर भरोसा रखकर किसी लक्ष्य को पाने के लिए कठिन परिश्रम करेंगे तो अवश्य ही सफलता आपके कदम चूमेगी। अनिरुद्ध यादव ने अपनी सफलता का श्रेय पाने परिवार के साथ ही खासकर अपनी मां को दिया।