UPSC Success Story: यूपीएससी (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा पास करने का सपना लाखों युवाओं का होता है। लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं होता है। यूपीएससी की परीक्षा के साथ जो छात्र धैर्य, निष्ठता और एकाग्र होकर अपनी तैयारी में लगे रहते है। उनको पहले ही प्रयास में सफलता मिल जाती है। ऐसी ही एक कहानी मुदिता शर्मा की है जिन्होंने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में परचम लहराया है। मुदिता ने डॉक्टर की पढ़ाई (एमबीबीएस) पूरी करने के बाद अपना आईएएस बनने का सपना पूरा किया। आइए जानते है मुदिता की सफलता की कहानी के बारे में….
मुदिता शर्मा का परिचय (UPSC Success Story)
मुदिता शर्मा मूल रूप से राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता के मीरा नगर की रहने वाली हैं। यह कृष्ण भक्त रही मीरा की भी जन्मस्थली कही जाती है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद जोधपुर के मेडिकल कॉलेज से अपनी MBBS की डिग्री पूरी की और डॉक्टर बन गई।
घर में मिला पढाई का माहौल (UPSC Success Story)
डॉ. मुदिता के पिता भगवती लाल शर्मा प्रिंसिपल हैं और मां पार्वती शर्मा गृहणी हैं। मुदिता की मां भले ही गृहणी हो लेकिन वे हिन्दी में एमए होने के साथ बीएड डिग्री होल्डर भी हैं। पार्वती देवी ने अपने बच्चों को शुरू से ही पढ़ाई के प्रति आकर्षित किया। अध्ययन के दौरान बच्चों के सामने आने वाले छोटे-मोटे डाउट को पार्वती घर पर ही क्लियर कर देती थीं। लगातार अध्ययन करने वाले बच्चे अपने पिता से रोज सवाल पूछा करते थे। पढ़ाई के प्रति बच्चों की ललक देखकर भगवती लाल समझ गए थे कि उनके बच्चे बड़ा नाम करेंगे।
आईएएस से पहले थी डॉक्टर (UPSC Success Story)
मुदिता शर्मा बेशक डॉक्टर बन गई थी, लेकिन उनके मन में सिविल सेवाओं में करियर बनाने की इच्छा थी। उन्होंने कुछ समय तक एक अस्पताल में प्रैक्टिस भी की, लेकिन मन में सिविल सेवाओं को लेकर इच्छा कम नहीं हुई। और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी।
मुदिता शर्मा पहले प्रयास में पाई सफलता (UPSC Success Story)
मुदिता शर्मा ने सिविल सेवा को लेकर जब अपना पहला प्रयास किया। उसके बाद प्रीलिम्स की परीक्षा में भी सफलता हासिल की उन्होंने अपनी मेंस की तैयारी की और परीक्षा को भी पास कर लिया। इसके बाद वह इंटरव्यू में पहुंची और बोर्ड के सभी सवालों का जवाब दिया। सिविल सेवाओं का परिणाम जारी हुआ, तो मुदिता शर्मा ने 381वीं रैंक के साथ इस परीक्षा को पास कर लिया है। खास बात यह है कि उन्होंने हिंदी मीडियम से तैयारी की थी। डॉक्टर बनने के बाद मुदिता जयपुर में अस्पताल में बतौर डॉक्टर सेवाएं दे रही थीं।
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