UPSC Success Story : यूपीएससी हमारे देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इसे लेकर धारणा बनी हुई है कि पढ़ाई में तेज स्टूडेंट ही इसे निकाल पाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हैं। कई IAS, IPS अधिकारी ऐसे हैं जो स्कूल, कॉलेज में फेल होने के बाद भी इस परीक्षा में सफल हुए हैं। इनमें से एक ईश्वर गुर्जर भी है।
कक्षा 10वीं में फेल, हायर सेकेंडरी कक्षा 12वीं में 68%, प्राइवेट कॉलेज से BA और सिविल एग्जाम में तीन बार असफल होने के बाद भी राजस्थान के इस गांव के लड़के ने हार नहीं मानी। अपने चौथे प्रयास में UPSC में ऑल इंडिया 644वीं रैंक हासिल करने वाले ईश्वर गुर्जर की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायक है।
10वीं या 12वीं में अच्छे मार्क्स नहीं आने पर निराश नहीं होना चाहिए। कम मार्क्स या एक बार मिली असफलता किसी का भविष्य तय नहीं कर सकते। इसके नए उदाहरण हैं ईश्वर गुर्जर। बैकबेंचर 10वीं में फेल होने के बावजूद भी उन्होंने मेहनत की और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 पास कर ली है। यूपीएससी के सफर में उन्हें तीन बार असफलता का भी सामना करन पड़ा। लेकिन, असफलताओं से उनका हौसला नहीं टूटा।
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10वीं में हुए थे फेल
ईश्वर ने बताया कि साल 2011 में वे 10वीं कक्षा में फेल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ने का मन बनाया, मगर किसान पिता सुवालाल ने कहा कि इतनी जल्दी पढ़ाई से घबराने की जरूरत नहीं है। एक बार फेल होने पर हिम्मत नहीं हारते। शिक्षा का महत्व तुम आज भले न समझो पर भविष्य में जरूर समझोगे।
इसके बाद ईश्वर ने 10वीं क्लास में दोबारा एडमिशन लेकर परीक्षा दी और साल 2012 में 54% अंकों से परीक्षा पास की। वह यहीं नहीं रुके, ज्ञानगढ़ की राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं परीक्षा 68% अंकों से पास की और 12वीं के बाद रेगुलर पढ़ाई न करके महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी अजमेर से प्राइवेट विद्यार्थी के रूप में BA पास किया। इसके बाद साल 2019 में ग्रेड थर्ड शिक्षक बनकर अपने गांव के पास ही रूपरा की राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की।
ग्रेजुएशन के बाद बने टीचर
ईश्वर गुर्जर ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, अजमेर से बीए किया है। फिर 2019 में वे थर्ड ग्रेड टीचर बने। उन्हें पड़ोस के गांव रूपरा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भर्ती कराया गया। इसके साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी जारी रही।
बिना कोचिंग की तैयारी…
ज्ञानगढ़ के रहने वाले और ईश्वर के साले महेंद्र पाल गुर्जर हिमाचल प्रदेश काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और ससुर नाथूराम गुर्जर भी भीलवाड़ा में जिला कलेक्ट्रेट के पद पर तैनात हैं। दोनों ने उन्हें खूब मोटिवेट करने के साथ सहयोग भी किया। यूपीएससी परीक्षा के लिए उन्होंने कोई कोचिंग नहीं की। स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद स्टाफ ने सहयोग किया और वह खुद तैयारी में जुट गए।
ईश्वर ने बताया कि वह सिविल सेवा परीक्षा में चौथे प्रयास में सफल हुए हैं। वर्ष 2019 में प्री में फेल हो गए थे जबकि 2020 में इंटरव्यू तक पहुंचे, मगर सफलता नहीं मिली। 2021 में फिर फेल हो गए फिर भी हताश नहीं हुए। अब चौथे प्रयास में 2022 की परीक्षा में 644वीं रैंक हासिल कर अभी रुके नहीं हैं। रैंक सुधारने के लिए अभी फिर से परीक्षा देने वाले हैं।