UPSC Success Story: कड़ी मेहनत के दम पर अंशुल सिंह बनीं आईपीएस अधिकारी, 4 बार फेल होने के बावजूद यूपीएससी क्लियर किया

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UPSC Success Story: कड़ी मेहनत के दम पर अंशुल सिंह बनी आईपीएस अधिकारी, 4 बार फेल होने के बावजूद यूपीएससी क्लियर किया
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UPSC Success Story: UPSC एग्जाम क्लियर करके प्रतिष्ठित पद पाना आसान काम नहीं होता है। इसके लिए कैंडिडेट्स को सालों की मेहनत लगती है। कई कैंडिडेट्स एक ही बार में इस एग्जाम को क्लियर कर जाते हैं। वहीं कुछ कई बार प्रयास करने पर भी सफल नहीं हो पाते।

आज हम यूपीएससी एग्जाम पास करने वाली अंशुल सिंह के बारे में बात कर रहे हैं। अगर सही रणनीति के साथ तैयारी की जाए तो संघ लोक सेवा आयोग की IAS परीक्षा बिलकुल फतह की जा सकती है।

यह साबित कर दिखाया है प्रयागराज के जार्जटाउन की रहने वाली अंशुल सिंह ने। उनसे पहले प्रयास में प्री भी नहीं निकला था और पांचवें प्रयास में UPSC में 435वीं रैंक हासिल कर अपनी मेधा का लोहा मनवाया है। उनके पिता कपिल देव सिंह आगरा मंडल में RTO के पद पर तैनात हैं। मां सरोज सिंह हाउस वाइफ हैं। बड़ी बहन भूमिका सिंह एमडी रेडयोलॉजी हैं।

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इस स्कूल से पाई शिक्षा दीक्षा

अंशुल सिंह को कामयाबी पांचवीं कोशिश में हासिल हुई है। तीसरी कोशिश में वह इंटरव्यू तक पहुंची थीं, लेकिन मामूली नंबर से उन्हें बाहर होना पड़ा था। साल 2018 के यूपी पीसीएस में भी उन्हें कामयाबी मिली थी। उनकी नियुक्ति सीटीओ यानी कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर के तौर पर प्रयागराज में हुई थी। अंशुल सिंह की शुरुआती पढ़ाई प्रयागराज के बिशप जॉनसन स्कूल एंड कॉलेज से हुई थी। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन उन्होंने इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से किया था।

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पांचवें प्रयास में मिली सफलता

आगरा में आरटीओ (प्रवर्तन) केडी सिंह की पुत्री अंशुल सिंह ने पांचवीं बार में यूपीएससी में सफलता प्राप्त की है। अंशुल को 435वीं रैंक मिली है। इससे पहले 2019 में साक्षात्कार तक अंशुल पहुंची थी। 2018 में अंशुल ने यूपीएससी की परीक्षा दी, जिसमें कमर्शियल टैक्स ऑफिसर के रूप में चयन हुआ।

वर्तमान में अंशुल राज्य कर अधिकारी के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्य कर रही है। अंशुल कहती हैं कि पांच बार परीक्षा देने के बाद भी हार नहीं मानी। न ही मनोबल गिरने दिया। अंशुल स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं। वे चाहती हैं कि सुविधाएं जनमानस तक पहुंचे। महिला होने के नाते महिलाओं को भी जागरूक करेंगी।

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अच्छे से तैयारी करना जरूरी (UPSC Success Story)

पांचवें प्रयास में अंशुल सिंह को यूपीएससी एग्जाम में 435 वीं रैंक प्राप्त हुई। अंशुल अपनी सफलता का श्रेय माता -पिता को देती हैं। उनके पिता पीसीएस अधिकारी हैं। जबकि उनकी मां गृहिणी हैं। इसके अलावा उनकी बड़ी बहन डाक्टर हैं। अंशुल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व उनमें और आत्मविश्वास पैदा करना चाहती हैं। वह कहती हैं कि यदि अच्छे से मेहनत और पूरी ईमानदारी के साथ तैयारी की जाए तो सफलता अवश्य मिलती है।

यूट्यूब और साइटों ने तैयारी में मदद की (UPSC Success Story)

वे कहती हैं कि करंट अफेयर्स के प्रश्नों और तैयारी में विविधता लाने के लिए यू ट्यूब पर कई व्याख्यानों की मदद ली है। इसके अलावा कई वेबसाइट्स ने भी इसमें हमारी मदद की। इतना लंबा कोर्स सिर्फ किताबों की मदद से पूरा नहीं किया जा सकता।

अंशुल सिंह ने बताया कि हमने लगातार 6 से 8 घंटे पढ़ाई करने का टारगेट रखा था। हमने इस बीच न तो रविवार देखा और न ही सोमवार। रोज पढ़ाई की, मन में दवाब नहीं लिया, बस पढ़ाई करती रही।

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