▪️ नवील वर्मा, शाहपुर
एक समय महिलाओं का स्थान केवल घर की चहारदीवारी के भीतर माना जाता था। उस समय उनका काम केवल घरेलू कामकाज करना, बच्चों की देखभाल और पूजा अर्चना करना भर होता था। अब स्थितियां बिल्कुल बदल गई हैं। अब महिलाएं भी घर की चहारदीवारी के बाहर आकर हर मोर्चे पर पुरुषों के कांधे से कांधा मिलाकर (self-reliant woman) साथ-साथ चल रही हैं। इससे ऐसा नहीं है कि उनकी पुरानी जिम्मेदारियां समाप्त हो गई हैं। उन्हें अब पहले की सभी जिम्मेदारियों के साथ ही नई जिम्मेदारियों का निर्वहन भी करना पड़ रहा है। अब वे दो-दो मोर्चों पर अपनी श्रेष्ठता सफलतापूर्वक साबित भी कर रही हैं।
कुछ ऐसा ही नजारा आज शाहपुर और भौंरा में भी देखा गया। यहां शाहपुर बीएमओ डॉ. यूपा वर्मा सुताइवाल एक और जहां करवा चौथ का व्रत रखे हुए थीं, वहीं इसके साथ ही अपना कर्तव्य निर्वहन भी करते हुए नजर आईं। करवा चौथ का कठिन व्रत होने के बाद भी बीएमओ डॉ. यूपा वर्मा सुबह 10 बजे ही अपने पति डॉक्टर अक्षय सुताईवाल के साथ भौरा के सरकारी हॉस्पिटल का निरीक्षण करने पहुंचीं। इसके पश्चात लायंस क्लब द्वारा आयोजित नेत्र शिविर में भी उपस्थित रही। लायंस क्लब (Lions Club) के पराग राठौर द्वारा पूछने पर उन्होंने बताया कि आज उनका व्रत है। दिन भर निरीक्षण और हॉस्पिटल की ड्यूटी के बाद शाम को वे पूजा करेंगी एवं व्रत छोड़ेंगी।