• नवील वर्मा, शाहपुर
गर्मी इन दिनों चरम पर है। सूरज मानो आग उगल रहा है। ऐसे में जल स्रोत भी सूख गए हैं। पानी का स्तर पाताल में पहुंच चुका है। ऐसे में लोगों के साथ ही बेजुबान पशु-पक्षियों को भी पानी की खासी किल्लत झेलना पड़ रहा है। लोगों को परेशानी होने पर वे तो किसी भी तरह प्रयास कर अपनी व्यवस्था कर ही लेते हैं, लेकिन पशु-पक्षियों की स्थिति इससे बिलकुल उलट होती है।
यह बेजुबान पशु-पक्षी ना तो किसी से गुहार लगा सकते हैं और ना ही खुद कुछ करके अपने लिए पानी की व्यवस्था कर सकते हैं। कम ही लोग इसे होंगे जो कि अपनी व्यवस्था होने के बाद इन बेजुबान पशु-पक्षियों की भी सुध लेकर उनके लिए पानी की व्यवस्था करते होंगे। यही कारण है कि गर्मी का यह सीजन इन मूक पशु-पक्षियों के लिए बड़ा मुसीबत भरा साबित होता है।
इस मुश्किल समय में बैतूल जिले के शाहपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम पाठई के ग्रामीणों ने एक नई पहल की है। दरअसल, मई माह में नदी-नाले पूरी तरह से सूखने की कगार पर पहुंच चुके हैं। जिससे पालतू पशुओं को पानी पीने की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है। इसे देखते हुए पानी की लगातार आपूर्ति के लिए यहां के ग्रामीणों ने एक अनूठा कदम उठाया। पाठई के ग्रामीणों ने सौ-सौ रुपए की राशि एकत्रित की और गांव के नदी-नालों को जेसीबी से गहरा कराया। देखें वीडियो…👇
इससे सूख रहे जल स्रोतों में वापस जान लौट आई और वे पानी उपलब्ध कराने लगे हैं। ग्राम के अजय पंद्राम ने बताया कि जल आपूर्ति की समय को देखते हुए हमने यह पहल की। अब पशु-पक्षियों को पानी की दिक्कत नहीं होगी। यदि सभी ग्रामों के लोग जल संरक्षण को लेकर ऐसी छोटी-छोटी सी पहल भी कर लें तो पशु-पक्षियों को इस गर्मी के सीजन में पानी के लिए बिल्कुल परेशान नहीं होना पड़ेगा।