Trico Card : अब बगैर कीटनाशक के ही कीटों से मिल जाएगी निजात

Trico Card : अब बगैर कीटनाशक के ही कीटों से मिल जाएगी  निजात

Trico Card : फसल को मौसम का जुआ कहा जाता है। मौसम कब कौनसा रुप अख्तियार कर फसल को चौपट कर दें, कुछ कहा नहीं जा सकता। वहीं फसलों को मौसम के साथ ही बीमारियों का भी डर रहता है। फसल में बढ़ोतरी के साथ ही उसमें कीट पतंगों का भी खतरा बढ़ता जाता है।

फसल को कीटों से बचाने के लिए महंगे कीटनाशकों का छिड़काव करना होता है। यह महंगे होने के साथ ही छिड़काव करने वालों के लिए भी समस्या पैदा कर देते हैं। लेकिन, अब ऐसी तकनीक आ गई है कि न फसलों पर कीट लगने का डर रहेगा और न ही उनसे बचाव के लिए कीटनाशक का ही छिड़काव करने की जरुरत पड़ेगी।

यहां के वैज्ञानिकों ने की इजाद

दरअसल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक (ओड़िसा) द्वारा एक नई तकनीक इजाद की गई है। इस जादुई तकनीक का नाम है ‘ट्राइको कार्ड’। यह ट्राइको कार्ड खुद ही फसलों में लगने वाले कीटों का ढूंढ-ढूंढ कर खात्मा कर देगा। इससे फसलों को किसी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।

कैसे काम करता है ट्राइको कार्ड

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इसके एक कार्ड में 20 से 25 हजार अंडे होते हैं। यह फसल में लगने वाले विभिन्न तरह के कीटों के लिए बेहद घातक होते हैं। इस कार्ड को उपयोग के पहले फ्रिज में रखा जाता है। फ्रिज से बाहर निकालने के कुछ घंटे बाद सामान्य तापमान पर कार्ड में लगे ट्राइकोडर्मा के अंडे एक्टिव हो जाते हैं।

लार्वा में बदल जाते हैं अंडे

यह अंडे फिर फिर लार्वा में बदल जाते हैं। तीन से चार दिनों के बाद यह अंडे ट्राइकोडर्मा कीट का रूप ले लेते हैं। यह खास तरह का मांसाहारी कीट होता है। यह फसल में लगने वाले कीट को खाकर नष्ट करने के साथ ही उसके अंडों को भी पूरी तरह से नष्ट कर देता है। मांसाहारी होने से यह फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है।

कहां मिलेगा, कैसे करें उपयोग

यह ट्राइको कार्ड कृषि सामग्री की बिक्री करने वाली दुकानों पर मिल जाएगा। फसल में कीट लगने पर इसकी स्ट्रिप को बीच खेत में लकड़ी के सहारे लगा सकते हैं। एक एकड़ जमीन के लिए तीन स्ट्रिप लगाई जा सकती है। ट्राइको कार्ड लगाने के बाद कीटनाशक की जरुरत नहीं होती। कीटनाशक डालने पर वह ट्राइकोडर्मा को भी नुकसान पहुंचाएगा।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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