Today Betul Mandi Bhav : आज के कृषि उपज मंडी बैतूल के भाव (दिनांक 25 नवंबर, 2022)

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Today Betul Mandi Bhav : कृषि उपज मंडी बैतूल में आज दिनांक 25 नवंबर, 2022 को विभिन्न जिंसों के भाव इस तरह रहे –

Farmer Success Story: गांव के लड़के ने छोड़ी सरकारी नौकरी और गाय के गोबर से कर रहा लाखों रूपए की कमाई

Farmer Success Story: आज के समय में करोड़ों लोग बेरोजगार है और कुछ लोगों में इतनी प्रतिभा होती है कि उन्‍हें नौकरी भी मिल जाती है और वे सक्‍सेसफुल बिजनेस भी चलाते है। आज हम आपको ऐसे ही मेहनतकश और प्रतिभा के धनी एक गांव के लड़के की सफलता की कहानी बता रहे है। इस लड़के ने सरकारी नौकरी को छोड़कर गाय के गोबर से अपना व्‍यवसाय शुरु किया और अब लाखों रुपए की कमाई कर रहा है। चलिए जानते है इस लड़के की सफलता की कहानी…

Success Story: सरकारी नौकरी छोड़ गाय के गोबर को अपनाया, अब हो रही लाखों की कमाई

गाय के गोबर से बना रहे उत्‍पाद

देश की अग्रणी वेबसाइट कृषि जागरण को गाय के गोबर से घर की सजावट समेत अन्य सामग्री बनाने वाले उत्तराखंड के काशीपुर के रहने वाले नीरज चौधरी ने चर्चा में बताया कि वह गौ सेवा में इतने लीन हैं कि उन्होंने अपनी सरकारी अध्यापक की नौकरी छोड़ गौ माता की सेवा के कार्य को अपनाया।

वह बताते हैं कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है, तब गाय को यूं ही बेसहारा छोड़ दिया जाता है। जिसे या तो जंगली जानवर मार देते हैं या फिर किसी सड़क दुर्घटना का शिकार हो जाती है लेकिन उनकी इस पहल से अब किसान व लोग गाय को केवल गोबर के लिए भी पाल रहे हैं। बता दें कि नीरज चौधरी उत्तराखंड के काशीपुर के रहने वाले हैं। वह बताते हैं कि उनकी कोई गाय या कोई भी मवेशी नहीं हैं। वह किसानों व पशुपालकों से 2 हजार रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदते हैं।

नीरज बताते हैं कि, किसान गोबर को केवल खाद के रूप में देखते हैं लेकिन उन्होंने सोचा कि अपशिष्ट पदार्थ (Waste Material) गोबर को रूपांतरित करके उनकी कीमत बढ़ाई जा सकती है।

नीरज ने कहा कि “जब मैं पंचगव्य चिकित्सा कर रहा था, तब उसी दौरान मेरे मन में विचार आया कि गोबर से कुछ ऐसे उत्पाद बनाए जाएं, जो प्रकृति के साथ आम जन के लिए भी लाभदायक हो”।

गोबर से बनाते हैं सजावट का सामान

नीरज चौधरी ने सबसे पहले गोबर से साबुन बनाने का कार्य शुरू किया. उनके इस व्यवसाय की यूएसपी (USP) बनी गाय के गोबर से बने घर की सजावट के सामान। उनके द्वारा गोबर से निर्मित उत्पाद प्रकृति के अनुकूल हैं तथा किसी भी प्रकार से कार्बनडाई ऑक्साइड (CO2) उत्पन्न नहीं करते हैं।

गाय के गोबर से बनाई यह वस्तुएं

नीरज चौधरी ने कृषि जागरण को बताया कि वह गाय के गोबर का उपयोग कर रोजाना उपयोग में आने वाली वस्तुएं, गोबर के टाइल्स (Tiles), चप्पल, दीया, बच्चों के लिए खिलौने, फोटो फ्रेम, पायदान, राखियां आदि बना रहे हैं। वह बताते हैं कि लोग रोजाना रबड़ व चप्पल पर पैर रखने से नकारात्मक ऊर्जा अपने अंदर अवशोषित कर रहे हैं, लेकिन गोबर व मिट्टी के मिश्रण से बनी उनकी यह सामाग्री लोगों के बीच सकारात्मकता को बढ़ा रही है।

जब उनसे पूछा गया कि गाय के गोबर के उत्पादों में क्या गोबर की गंध / महक होती है? उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से निर्मित वस्तुओं में किसी भी प्रकार की महक नहीं आती है, क्योंकि वह गाय के ताजा गोबर को जब खरीद कर लाते हैं तो उसे सुखाने के लिए धूप में रख देते हैं। जिसके बाद गोबर से सारे बैक्टीरिया भाग जाते हैं और महक भी नहीं आती। खास बात यह कि वह गंध को भगाने के लिए किसी भी प्रकार के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

लोगों को देते हैं ट्रेनिंग

नीरज बताते हैं कि वह इस पहल के माध्यम से कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं। साथ ही यदि कोई व्यक्ति उनके साथ जुड़ना चाहता है तो वह पहले उसे 3 दिनों की ट्रेनिंग देते हैं।

नीरज चौधरी ने गाय के गोबर से केदारनाथ धाम का एक 3D मॉडल तैयार किया है, जो दिखने में हुबहू असली केदारनाथ धाम की तरह दिखता है। इसके लिए उन्हें सरकार की तरफ से ‘इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ से नवाजा जा चुका है।

सालाना कमाई 25 लाख

नीरज बताते हैं कि उनकी सालाना कमाई 20 से 25 लाख तक हो जाती है।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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