Today Betul Mandi Bhav : आज के कृषि उपज मंडी बैतूल के भाव (दिनांक 29 अक्टूबर, 2022)

Today Betul Mandi Bhav : कृषि उपज मंडी बैतूल में आज दिनांक 29 अक्‍टूबर, 2022 को विभिन्न जिंसों के भाव इस तरह रहे –

Today Betul Mandi Bhav : आज के कृषि उपज मंडी बैतूल के भाव (दिनांक 29 अक्टूबर, 2022)

Chane ki kheti: चने की टॉप किस्‍में, देती है छप्‍पड़फाड़ उत्‍पादन, बस जान ले खेती का तरीका

चने की खेती देश की प्रमुख फसलों में से एक है। कुछ ग्रामीण अंचलों में किसानों को चने की बेहतरीन उपज देने वाली नई और विकसित किस्‍मों की जानकारी नहीं होती है, जिससे वे अच्‍छा उत्‍पादन नहीं ले पाते है। हम आपके लिए चने की जबरदस्‍त उत्‍पादन देने वाली किस्‍मों और उनकी खेती करने की जानकारी लेकर आए है, जिससे आप अच्‍छा मुनाफा कमा सकते है। चने की खेती शुष्क और ठंडी जलवायु में की जाती है। देश में अक्टूबर-नवंबर का महीना चने के बीजों की बुवाई के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। देश में सबसे अधिक चने की खेती मध्य प्रदेश में की जाती है। चने के पौधे की हरी पत्तियां साग और हरा सूखा दाना सब्जियां बनाने में प्रयुक्त होता है। चने के दाने से अलग किए हुए छिलके को पशु चाव से खाते हैं।

Chane ki kheti: चने की टॉप किस्‍में, देती है छप्‍पड़फाड़ उत्‍पादन, बस जान ले खेती का तरीका

इस तरह करें भूमि की तैयारी | Chane ki kheti

चने की खेती दोमट और बुलई मिट्टी में आसानी से की जा सकती है। खरीफ फसल की कटाई के बाद खेत में हैरो से गहरी जोताई कर दें। एक जोताई मिट्टी पलटने वाले हल और 2 जोताई देसी हल से करने के बाद खेत में पाटा लगाकर समतल कर दें। चने की खेती के लिए खेत में नमी रहना आवश्यक है। कृषि विशेषज्ञ बुवाई के लिए मिट्टी का pH मान 6-7.5 को उपयुक्त मानते हैं।

कितना होना चाहिए तापमान | Chane ki kheti

पौधों की बढ़िया वृद्धि के लिए 20-30 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त रहता है। चने की फसल आगामी फसलों के लिए मिट्टी में नाइट्रोजन स्थिर करती है, इससे खेत की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है।

चने की टॉप किस्‍में | Chane ki kheti

कृषि विशेषज्ञ के अनुसार मौसम खेती के लिए अनुकूल रहने पर सामान्यतः चने की फसल 100-120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।

  • जे.जी. 16
  • जे.जी. 14
  • जे.जी. 11
  • जीएनजी 1581 (गणगौर)
  • जीएनजी 1958(मरुधर)
  • जीएनजी 663
  • जीएनजी 469
  • आरएसजी 888
  • आरएसजी 963
  • आरएसजी 973
  • आरएसजी 986

Latest Krishi News|Agricultural News in Hindi|Krishi Sahayak|Kheti  badi|Kheti Kaise Kare

यदि लेट हो जाए तो ये किस्‍में है सबसे बेहतर | Chane ki kheti

देरी से बुवाई के लिए जीएनजी 1488, आरएसजी 974, आरएसजी 902, आरएसजी 945 प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त राधे, उज्जैन, वैभव भी देशी चना की उन्नत किस्में मानी जाती हैं।

काबुली चने की प्रमुख किस्में | Chane ki kheti

एल500, सी-104, काक-2, जेजीके-2, मैक्सिकन बोल्ड को काबुली चने की प्रमुख किस्मे हैं। यह किस्में एक हेक्टेयर में यह 10-13 क्विंटल पैदावार देतीं हैं।

ऐसे करें रोग नियंत्रण

  • 1. उकठा एवं जड़ सड़न रोग से फसल के बचाव हेतु 2 ग्राम थायरम 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम के मिश्रण से प्रति किलो बीज को उपचारित करें।
  • 2. बीटा वेक्स 2 ग्राम/किलो से उपचारित करें।

Also Read : 

ऐसे करें कीट नियंत्रण

1. थायोमेथोक्साम 70 डब्ल्यू पी 3 ग्राम/किलों बीज की दर से उपचारित करें।

वैज्ञानिकों ने विकसित चने की नई किस्म, पाले से नहीं खराब होगी फसल

कितने बीज को होगी आवश्‍यकता

  • चना के बीज की मात्रा दानों के आकार (भार), बुआई के समय विधि एवं भूमि की उर्वराषक्ति पर निर्भर करती है।
  • देशी छोटे दानों वाली किस्मों का 65 से 75 कि.ग्रा./हे. जे.जी. 315, जे.जी.74, जे.जी.322, जे.जी.12, जे.जी. 63, जे.जी।
  • मध्यम दानों वाली किस्मों का 75-80 कि.ग्रा./हे. जे.जी. 130, जे.जी. 11, जे.जी. 14, जे.जी. 6
  • काबुली चने की किस्मों का 100 कि.ग्रा./हे. की दर से बुवाई करे जे.जी.के 1, जे.जी.के 2, जे.जी.के 3

Also Read : Sakshi Malik Video: एक्‍ट्रेस Sakshi Malik ने पहनी ऐसी साड़ी, वीडियो में हॉटनेस देख मचले फैंस, तारीफ में बरसाए कमेंट

चने की खेती में सिंचाई

देखा जाए तो सामान्यतः चने की खेती असिंचित अवस्था में की जाती है। चने की फसल के लिए कम जल की आवश्यकता होती है। किसान पहली सिंचाई पौधे से फूल आने के पूर्व मतलब बीज बुवाई के 20-30 दिन बाद और दूसरी सिंचाई दाना भरने की अवस्था यानी 50-60 दिनों के बाद कर सकते हैं।

बेहतरीन उत्‍पादन के लिए इन बातों का रखें ध्‍यान

  • नवीनतम किस्मों जे.जी. 16, जे.जी. 14, जे.जी. 11 के गुणवत्तायुक्त तथा प्रमाणित बीज बोनी के लिए इस्तेमाल करें।
  • बुवाई पूर्व बीज को फफूदनाषी दवा थायरम व कार्बन्डाजिम 2:1 या कार्बोक्सिन 2 ग्राम / किलो बीज की दर से उपचारित करने क बाद राइजोबियम कल्चर 5 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से तथा मोलिब्डेनम 1 ग्राम प्रति किलो बीज कल दर से उपचारित करें।
  • बोनी कतारों में साडड्रिल मशीन कीट ब्याधियों की रोकथाम के लिए खेत में टी आकार की खूटियां लगायें चना धना (10:2) की अन्तवर्तीय फसल लगायें ।
  • आवश्यक होने पर रासायनिक दवा इमामेक्टिन बेन्जोइट 200 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से उपयोग करें ।

Also Read : SSC GD Constable Recruitment 2022: जीडी कांस्टेबल के 24 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती शुरू, 10वीं पास भी कर सकते आवेदन, जाने पूरी प्रक्रिया

कब करें चने की कटाई

जब पौधे के अधिकतर भाग और फलियां लाल भूरी हो कर पक जाएं तो कटाई करें। खलिहान की सफाई करें और फसल को धूप में कुछ दिनों तक सुखायें तथा गहाई करें। भंडारण के लिए दानों में 12-14 प्रतिशत से अधिक नमी नहीं होनी चाहिए। चने के भंडारण हेतु भंडार गृह की सफाई करें तथा दीवारों एवं फर्श की दरारों को मिट्‌टी या सीमेंट से भर दें। चूने की पुताई करें तथा 15 दिनों के अंतराल पर 2-3 बार 10 मि.ली. मेलाथियान 50 प्रतिशत ई.सी. प्रति लीटर पानी के घोल का 3 लीटर/100 वर्ग मीटर की दर से दीवार तथा फर्श पर छिड़काव करें।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

For Feedback - feedback@example.com

Related News