Today Betul Mandi Bhav : कृषि उपज मंडी बैतूल में आज दिनांक 19 अक्टूबर, 2022 को विभिन्न जिंसों के भाव इस तरह रहे –
Gehu Ki Top Varieties: सिंचाई का झंझट खत्म, गेहूं की ये किस्म सिर्फ एक सिंचाई में ही हो जाती है तैयार, देती है बंपर उत्पादन, जानें सबसे नई तीन वैरायटियों बारे में…
देश में कई स्थानों पर रबी की फसलों की खेती भी शुरू हो चुकी है। हमारे देश में सर्वाधिक गेहूं की खेती (Wheat Cultivation) की जाती है। किसानों को अच्छी किस्मों के बारे में पता चले तो किसानों का अच्छा उत्पादन ले सकते है और अच्छा मुनाफ भी कमा सकते है। आपको गेहूं की नवीन तीन किस्मों (3 New Varieties of Wheat) के बारे में बताएंगे, जो कई किसानों को बेहतर उत्पादन दे रही है और किसान इसे लगाकर मालामाल हो रहे है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)-भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल (IIWBR) के अनुसार गेहूं की इन ये किस्में सबसे नई है और इसको लगाने से किसानों को बंपर पैदावार भी मिलती है।
करण नरेन्द्र (Karan Narendra / DBW-222)
हम गेहूं की जिन नवीन किस्मों की बात कर रहे है, उसमें सबसे ज्यादा उत्पादन देने वाली किस्म का नाम है करण नरेन्द्र। इसे डीबीडब्ल्यू 222 (DBW-222) भी कहा जाता है। गेहूं की यह किस्म बाजार में साल 2019 में आई थी। इस गेहूं की रोटी की गुणवत्ता अच्छी मानी जाती है। इसकी खासियत यह है कि जहां दूसरी किस्मों के लिए 5 से 6 बार सिंचाई की जरूरत पड़ती है, वहीं इसमें 4 सिंचाई की ही जरूरत पड़ती है। इसकी बुवाई 25 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच कर सकते हैं। वहीं, ये किस्म से फसल 143 दिनों में तैयार हो जाती है, जिससे प्रति हेक्टेयर 65.1 से 82.1 क्विंटल तक पैदावार मिल जाती है।
करन वंदना (Karan Vandana/DBW-187)
दूसरी किस्म का नाम करन वंदना है। इस डीबीडब्ल्यू-187 (DBW-187) कह सकते हैं। इसमें पीला रतुआ और ब्लास्ट जैसी बीमारियां लगने की संभावना कम होती है। यह किस्म गंगा तटीय क्षेत्रों के लिए अच्छी मानी जाती है। इस किस्म से फसल लगभग 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जिससे प्रति हेक्टेयर लगभग 75 क्विंटल गेहूं की पैदावार मिल जाती है।
करण श्रिया (Karan Shriya/DBW-252)
ये गेहूं की सबसे नवीन किस्म है, जिसका नाम करण श्रिया (Karan Shriya/DBW-252) है। यह किस्म जून 2021 में ही आई थी। इस किस्म की बुवाई उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अधिक होती है, जो कि करीब 127 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसमें मात्र एक सिंचाई की जरूरत पड़ती है। यह किस्म प्रति हेक्टेयर 55 क्विंटल अधिकतम पैदावार दे देती है।
ये गेहूं की सबसे नवीन किस्म है, जिसका नाम करण श्रिया (Karan Shriya/DBW-252) है। यह किस्म जून 2021 में ही आई थी। इस किस्म की बुवाई उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अधिक होती है, जो कि करीब 127 दिनों में पककर तैयार हो जाती है और इसमें मात्र एक सिंचाई की जरूरत पड़ती है। यह किस्म प्रति हेक्टेयर 55 क्विंटल अधिकतम पैदावार दे देती है।