Today Betul Mandi Bhav : कृषि उपज मंडी बैतूल में आज दिनांक 16 सितंबर, 2022 को विभिन्न जिंसों के भाव इस तरह रहे –
MP Farmers Big Update: एमपी में उपज भुगतान की लागू हुई नई व्यवस्था, अब मंडी से इस तरह मिलेंगे रुपए
MP Farmer News: मध्यप्रदेश में किसानों को उनकी उपज का वाजिब भाव दिलाने कई तरह के प्रयास किए जा रहे है। इसके लिए ई-मंडी सहित कई नवाचार किए गए हैं। अब किसान घर बैठे ही प्रदेश भर की मंडियों के भाव जान सकते हैं। इस हिसाब से तय कर सकते हैं कि उन्हें अपनी उपज कब और कहां बेचना हैं। इसके अलावा मंडी में भी किसानों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इन सबके बीच यह शिकायतें भी कभी-कभी सामने आती रहती है कि किसानों को उनकी उपज बेचने के बाद भुगतान प्राप्त करने के लिए परेशान होना पड़ता है। शासन की व्यवस्था के अनुसार 2 लाख रुपए तक का भुगतान मंडी परिसर में ही और उसी दिन नकद भुगतान करना है। दो लाख से अधिक का भुगतान आरटीजीएस के जरिए किसान के बैंक खातों में किए जाने का प्रावधान है।
अधिकांश किसान छोटे और मध्यम श्रेणी के होते हैं। ऐसे में उनकी उपज इतनी ही होती है कि उन्हें नकद भुगतान ही करना होता है। कभी-कभी ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जिसमें किसानों को उसी दिन और मंडी प्रांगण में ही उपज का भुगतान नहीं किया जाता। छोटे किसान कोई जरूरी काम आने पर ही वह काम निपटाने के लिए अपनी उपज बेचते हैं। उस पर भी समय पर पैसा नहीं मिले तो उनका काम ही अटक जाता है। इस हालत में ना केवल किसानों को बल्कि उनके परिवार को भी परेशान होना पड़ता है।
इन सब परिस्थितियों को देखते हुए मध्यप्रदेश के बैतूल में स्थित कृषि उपज मंडी में किसानों को उनकी उपज का उसी दिन और मंडी प्रांगण में ही भुगतान सुनिश्चित करने एक अच्छी व्यवस्था लागू की गई है। बैतूल मंडी सचिव एसके भालेकर द्वारा सभी व्यापारियों को निर्देशित कर दिया गया है कि वे किसानों की उपज खरीदने के बाद उसी दिन और मंडी प्रांगण में ही प्रावधान के अनुसार भुगतान करें। इसके साथ ही किसानों से भी यही कहा गया है। इस संबंध में मंडी प्रांगण में लगातार अनाउंसमेंट किया जाता है, वहीं जगह-जगह सूचना भी चस्पा की गई है।
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कृषि उपज मंडी समिति बैतूल के सचिव श्री भालेकर ने किसानों को सूचित किया है कि जिले के कृषक उनके द्वारा मंडी में विक्रय की गई कृषि उपज का भुगतान क्रेेता फर्म से उसी दिवस प्राप्त करें। मण्डी अधिनियम 1972 की धारा 37(2)(क) एवं (ख) के अनुसार उसी दिवस भुगतान किए जाने का प्रावधान है। श्री भालेकर कहते हैं कि यह व्यवस्था लागू होने के बाद से किसान जहां जागरूक होकर उसी दिन अधिकार से भुगतान प्राप्त कर रहे हैं। वहीं व्यापारी भी कार्यवाही के डर से बिना कोई बहाने के उसी दिन भुगतान करने लगे हैं। इधर भुगतान नहीं होने पर कार्यवाही की व्यवस्था भी मंडी प्रबंधन द्वारा की गई है।
शिकायत करने की भी है व्यवस्था
यदि कोई व्यापारी प्रावधान के अनुसार किसानों को भुगतान नहीं करता है तो किसान बकायदा इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए मंडी कार्यालय में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। प्रकोष्ठ में रोजाना दो कर्मचारियों की ड्यूटी दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक लगाई जाती है।
शिकायत मिलते ही किया जाता है समाधान
यदि किसी किसान को भुगतान उसी दिवस प्राप्त नहीं होता है तो कृषक तत्काल अपनी शिकायत मंडी कार्यालय में स्थापित शिकायत निवारण प्रकोष्ठ में दोपहर 2 बजे से सायं 6 बजे तक दर्ज करा सकते हैं। शिकायत मिलने पर प्रकोष्ठ द्वारा संबंधित व्यापारी को तलब कर भुगतान कराए जाने की व्यवस्था करवाई जाती है। इस व्यवस्था के लागू होने से किसान भी राहत महसूस कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बैतूल मंडी जिले की सबसे बड़ी मंडी है। यही कारण है कि अधिक प्रतिस्पर्धा के कारण यहां भाव भी अच्छे मिलते हैं। इससे जिले भर के किसान यहां अपनी उपज लेकर पहुंचते हैं।