यूं तो किसी को भी अपना मकान किराए से देने पर उसकी विस्तृत जानकारी पुलिस थाने में देना जरूरी है। लेकिन ऐसा कोई करता नहीं है। यही कारण है कि पुलिस थानों में किरायेदारों की जानकारी वाले रजिस्टर सालों से नहीं खुलते हैं। अन्य व्यस्तताओं के चलते ना तो पुलिस इस ओर ध्यान देती है और ना ही मकान मालिक ही अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हैं। ऐसे मामलों में थोड़ी-बहुत गंभीरता से तब कुछ समय के लिए ध्यान दिया जाता है जब बाहर से आए और किराए से रह रहे लोग कोई अपराध कर जाए। हालांकि अब पुलिस द्वारा किरायेदारों के चरित्र सत्यापन के लिए बकायदा अभियान चलाया जा रहा है। बैतूल जिले में एक अप्रैल से यह अभियान शुरू हो चुका है।
पुलिस विभाग के मुताबिक अवैध रूप से ले रहे किरायेदार आंतरिक सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था के लिये गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। यह संज्ञान में आया है कि जिले में अभी भी कई किरायेदार बिना सत्यापन के निवासरत हैं। इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय द्वारा 1 अप्रैल से 30 अप्रैल 2022 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अवैध रूप से रह रहे अन्य देशों के नागरिक एवं किरायेदारों का चरित्र सत्यापन पुलिस द्वारा कराया जा रहा है।
इसके लिए पुलिस द्वारा बैतूल जिले के प्रत्येक थानों में काउंटर लगाकर थानांतर्गत रहने वाले अन्य देशों के नागरिक एवं किरायेदारों का चरित्र सत्यापन 30 अप्रैल 2022 तक किया जावेगा। जिसमें सभी किरायेदारों का सत्यापन कराया जाना अनिवार्य है। सत्यापन न कराने की स्थिति में 1 मई से आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। पुलिस विभाग ने सभी मकान मालिकों से अनुरोध किया है कि वे आवश्यक रूप से अपने किरायेदारों का चरित्र सत्यापन करवा लें और भविष्य में होने वाली कार्रवाई तथा परेशानियों से बचे।
ऐसे करना होगा सत्यापन की कार्यवाही
इस संबंध में बैतूल कोतवाली टीआई अपाला सिंह ने बताया कि सत्यापन की कार्यवाही के लिए मकान मालिक को अपने साथ किरायेदार को लेकर आना होगा। इसके साथ ही मकान मालिक और किरायेदार के बीच हुए किरायनामा का शपथ पत्र, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, स्थाई पता, आदि की जानकारी और दस्तावेज लेकर आना होगा। यह सब लेकर आने पर किरायेदार का सत्यापन कर दिया जाएगा। उन्होंने सभी मकान मालिकों से आग्रह किया है कि वे निर्धारित अवधि में अपने किरायेदारों का सत्यापन आवश्यक रूप से करवा लें।
जानकारी नहीं देने पर हो सकती है कार्रवाई
कानून के जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता संजय (पप्पी) शुक्ला ने बताया कि किरायेदारों व नौकरों की जानकारी थाने व चौकी पर देनी होती है। किरायेदार के परिचय पत्र या राशन कार्ड, आधार कार्ड की फोटो कॉपी के साथ जानकारी दर्ज कराने का सर्कुलर सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किया है। मकान मालिक, किरायेदार व नौकरों की जानकारी थाना व चौकी पर दर्ज नहीं करवा रहे हैं तो आईपीसी की धारा 188 के तहत मकान मालिक पर कार्रवाई की जा सकती है। सर्कुलर को नहीं मानने पर मकान मालिक पर किराएदार की जानकारी छिपाने व अपराधी को शरण देने का मामला पुलिस दर्ज कर सकती है।
इसलिए जरूरी है किरायेदारों का सत्यापन
उल्लेखनीय है कि सामान्य रूप से भी मकान मालिकों को अपने यहां रहने वाले किरायेदारों की जानकारी पुलिस थानों में देना ही होता है। लेकिन कुछ गिने चुने लोग ही ऐसा करते हैं। अधिकांश लोगों द्वारा ऐसा नहीं किए जाने के कारण बाहर के कई आपराधिक तत्व भी बिना किसी व्यवधान के महीनों और सालों तक रह लेते हैं। इसके साथ ही वे कई घटनाओं को भी अंजाम दे देते हैं। सूचना नहीं देने से इनकी जानकारी भी पुलिस को नहीं होती और वे घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। इसके बाद उनकी तलाश भी नहीं हो पाती, क्योंकि जो पता-ठिकाना वे मकान मालिक को बताते हैं वह सही रहता ही नहीं है।