▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
Teacher Suspend : मध्यप्रदेश के बैतूल में कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस (Collector Amanbir Singh Bains in Betul) स्कूलों में शिक्षकों की नियमित समय पर उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर हैं। वे इसके लिए आए दिन अधिकारियों को स्कूलों का नियमित निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेने की सख्त हिदायत देते हैं। स्कूलों में नियमित रूप से उपस्थित नहीं होने वाले कई शिक्षकों के विरूद्ध उन्होंने कड़ी कार्रवाई भी की है।
इन सबके बावजूद स्कूलों की बदहाली नहीं सुधर रही है। आज भी कई शिक्षक स्कूलों में समय पर पहुंच कर गंभीरता से पढ़ाई कराने के बजाय शराब पीकर स्कूल पहुंच रहे हैं तो कुछ जाते ही नहीं। वजह यही है कि स्कूलों की मॉनीटरिंग का जिन पर जिम्मा है, वे अपने कर्तव्य का निर्वहन ही गंभीरता से नहीं कर रहे हैं। ऐसे में स्कूलों की मॉनीटरिंग ही नहीं हो रही है।
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स्कूलों की ऐसी ही एक बदहाली का एक वीडियो हाल ही वायरल हुआ था। इस वीडियो में भैंसदेही विकासखंड के केरपानी माध्यमिक स्कूल में पदस्थ प्रधानपाठक रमेश उइके नजर आ रहे थे। शिक्षक बस स्टैण्ड पर नशे में धुत थे। उन्हें स्कूल जाने का रास्ता भी नहीं सूझ रहा था। किसी ग्रामीण ने उनका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।
यह मामला संज्ञान में आने पर कलेक्टर श्री बैंस ने उक्त शिक्षक को निलंबित कर दिया है। जारी आदेश में कहा गया है कि रमेश उइके, प्रधान पाठक, माध्यमिक शाला केरपानी को कर्तव्य पर शराब पीकर उपस्थित होने, अध्यापन कार्य में रूचि नहीं लेने, शाला संचालन में व्यवधान उत्पन्न करने तथा कर्तव्य के प्रति लापरवाही/उदासीनता बरतने के कारण मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय बीईओ कार्यालय घोड़ाडोंगरी रहेगा।
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मॉनीटरिंग अधिकारियों पर भी हो कार्रवाई
इस पूरे मामले से साफ है कि स्कूलों की लगातार मॉनीटरिंग हो ही नहीं रही है। यही कारण है कि कहीं-कहीं शिक्षक स्कूल पहुंच ही नहीं रहे हैं तो कुछ इस हालत में पहुंच रहे हैं। यदि लगातार स्कूलों की मॉनीटरिंग हो तो ऐसे मामले सोशल मीडिया पर आने से पहले ही पकड़ में आ जाएंगे और विभाग की जगहंसाई होने से भी बचेगी। यही कारण है कि अब यह मांग भी उठ रही है कि जिन स्कूलों में इस तरह के मामले सामने आते हैं, उन स्कूलों की मॉनीटरिंग की जिनकी जिम्मेदारी हो, उनके विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाएं।