Sweet Corn Farming: बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और ऐसे मौसम में हर किसी के मन में भुट्टे खाने के ललक आती है। सेहत के लिए फाइबर से भरपूर भुट्टा काफी अच्छा होता है। इसी कारण से इस सीजन में भुट्टों की मांग काफी हद तक बढ़ जाती है और किसानों को इसका मन मुताबिक दाम भी मिलता है। देसी भुट्टे की जगह लोग स्वीट कॉर्न याने अंग्रेजी भुट्टों को आजकल ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसे अलग-अलग तरह से लोग खाना पसंद करते हैं। आज हम आपको इस भुट्टे की खेती के बारे में बता रहे हैं।
इस तरीके से करें खेती (Sweet Corn Farming)
स्वीट कॉर्न की खेती बिल्कुल मक्का की खेती की ही तरह ही की जाती है। हालांकि, स्वीट कॉर्न की खेती में मक्का की फसल पकने से पहले ही तोड़ ली जाती है, इसलिये किसानों को कम समय में ही अच्छा मुनाफा हो जाता है। ध्यान रहे कि इसकी खेती करते समय मक्का की उन्नत किस्मों का ही चुनाव करें। कम समय में पकने वाली कीटरोधी किस्मों को चुनना सबसे बेहतर रहता है। खेत की तैयारी करते समय जल निकासी का प्रबंधन जरूर कर दें, इससे फसल में जल-भराव नहीं होता है। वैसे तो स्वीट कॉर्न पूरे भारत में उगाई जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश मे बड़े पैमाने पर इसकी खेती होती है। आपको बता दें, उत्तर भारत में इसकी बुआई खरीफ के मौसम में यानी जून से जुलाई के बीच की जाती है। स्वीट कॉर्न की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में आप कर सकते है।
जानिए देसी मक्के से कितना अलग होता है स्वीट कॉर्न?
दरअसल, स्वीट कॉर्न मक्के की ही एक बेहद मीठी किस्म है, मक्का की फसल के पकने से पहले ही जब इसे दूधिया अवस्था में काट लिया जाता है तो इसे स्वीट कॉर्न कहते हैं। भारत के साथ-साथ स्वीट कॉर्न को दूसरे देशों में भी काफी ज्यादा पसंद किया जाता है। यही वजह है कि स्वीट कॉर्न की मांग को पूरा करना कभी कभी बड़ी चुनौती बन जाता है। इसलिये अगर किसान आम मक्का उगा रहे हैं, तो दोगुना कमाई के लिये स्वीट कॉर्न की खेती कर सकते हैं।
आम मक्के से अलग है स्वीट कॉर्न की किस्में
फसल विज्ञान के प्रोफेसर डॉ रोहितास सिंह ने किसान तक से बातचीत में कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में यानि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में मीठी मक्का पूसा सुपर स्वीटकार्न 2, वीएल स्वीटकार्न संकर 2, न्यूजी 260, अल्मोडा स्वीट कॉर्न की बुवाई कर सकते हैं। उत्तर भारत में पूसा सुपर स्वीटकार्न 2 संकुल किस्म माधुरी की बुआई कर सकते हैं। इसके अलावा प्रिया, अल्मोडा स्वीट कॉर्न, ऑरेन्ज स्वीट कॉर्न, एचएससी-1 विन स्वीट कॉर्न सहित कई किस्में हैं।
फसल की सिंचाई केे समय न करें गलती
मक्के की बुवाई बरसात के सीजन में ही शुरू होती है। ऐसे में इसकी सिंचाई करने की जरूरत नही होती है। अगर बारिश नहीं हो तो चार से पांच सिंचाई की जरूरत पड़ती है। जब फसल में रेशा निकलना शुरू हो और दानों की भराई शुरू हो तो उस वक्त खेत में नमी बेहद जरूरी है। प्रारम्भिक अवस्था में अगर पानी उपलब्ध ना हो तो दाने कम बनते हैं। खेत से पानी की निकासी का अच्छा प्रबंध होना चाहिए। नहीं तो पौधे पीले पड़ जाते हैं और उनका बढ़वार रुक जाती है।
70 दिन में तैयार हो जाती है फसल
खरीफ सीजन शुरू होने को है। इस सीजन में किसान संकर मक्का के साथ ही स्वीटकॉर्न की खेती कर सकते हैं। कुल मिलाकर स्वीटकॉर्न वाले मक्के की बुवाई का सही समय है। स्वीटकॉर्न वाला मक्के की फसल 60 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है। वहीं स्वीट कॉर्न के लिए भुट्टो की तुड़ाई 55-60 दिन पर ही कर ली जाती है। इससे कम समय में अच्छी आमदनी मिल जाती हैं।
खरपतवार की नियमित रूप से करें सफाई
यदि खेत में खरपतवार हों तो उन्हें समय-समय पर निकालते रहें। शुरुआत में 25 से 30 दिन तक इस फसल में खरपतवार नहीं होंगी तो फसल की अच्छी वृद्धि होगी, जिसका फायदा आपको ज्यादा उपज के रूप में मिलेगा। इसलिए खेत को खखरपतवार मुक्त रखना इसके लिए दो निराई की जरूरत होती है पहले बिजाई 15 से 20 दिन बाद और दूसरा 30 से 35 दिन बाद करना चाहिए । रासायनिक विधि खरपतवारों के लिए एट्राज़ीन 50 डब्ल्यू पी। 2।0 किग्रा पाउडर 500 लीटर पानी बुवाई के तुरंत बाद या 2-3 दिनों के भीतर की दर से छिड़काव करना चाहिए।
कटाई के समय रखें खास ध्यान (Sweet Corn Farming)
स्वीट कॉर्न की कटाई की प्रक्रिया बहुत ही आसान है। जब फलियों से दूधिया पदार्थ निकलने लगे तो फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है। स्वीट कॉर्न की तुड़ाई सुबह या शाम के समय ही करें, इससे फसल लंबे समय तक ताजी रहेगी। कटाई के बाद इसे बाजारों में बेच दें स्वीट कॉर्न को ज्यादा देर तक स्टोर न करें, ऐसा करने से इसकी मिठास कम हो जाएगी।
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किसानों को दी ये सलाह (Sweet Corn Farming)
उनके मुताबिक, डेढ़ एकड़ जमीन में खाने के लिए अनाज भी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता। तब उन्होंने खेती के तकनीक को बदलकर सब्जी के क्षेत्र में काफी मुनाफा कमाया है। उन्होंने कहा, किसानों को परंपरागत खेती को छोड़कर सब्जियों और बागवानी को बढ़ावा देना चाहिए। जिससे किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा हासिल किया जा सकता है। स्वीट कॉर्न (Sweet Corn) में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, प्रोटीन भरा होता है। चाट की तरह बना कर इसका उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, दुधारू पशुओं को खिलाने से उनके अंदर बांझपन की बीमारी से निजात मिलेगा।