निराश्रित गौवंश के रखरखाव के लिए जिले में 100 से 200 एकड़ भूमि चिन्हित कर गौवंश वन विहार स्थापित किया जाना प्रस्तावित
Swami Akhileswarnand Betul: बैतूल। मध्य प्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड कार्यसमिति के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि (Swami Akhileswarnand Betul) ने शनिवार को गौशाला संचालकों को संबोधित करते हुये कहा कि गौशालाओं में गौवंश की पर्याप्त संख्या होनी चाहिए। साथ ही गौशाओं को आत्मनिर्भर बनाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में गौवंश से मिलने वाले गोबर एवं गौमूत्र का बायोगेस, गौकास्ट, वर्मी कम्पोस्ट, गौनाईल आदि में उपयोग कर गौशाला के आमदनी में वृद्धि की जा सकती है। लोगों की भागीदारी बढ़ाकर एवं गौग्रास नवाचार के माध्यम से राशि एकत्र कर गौशालाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार संभव है।
सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां से गौ तस्करी रोकने के लिए पकड़े जाने वाले गौवंश एवं वाहन को राजसात कर तस्करों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाना भी जरुरी है। आवारा एवं निराश्रित गौवंश के रखरखाव के लिए जिले में 100 से 200 एकड़ भूमि चिन्हित कर गौवंश वन विहार स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।(Swami Akhileswarnand Betul) जिसमें बड़ी संख्या में गौवंश रखकर स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से संचालन किया जाएगा। उन्होंने कहा गौवंश या तो किसान के घर पर हो अथवा गौशाला, गौवंश वन विहार में रहे।
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बैठक के आरंभ में उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं द्वारा जिले में गौशालाओं की स्थिति, गौशालाओं में पशुओं की संख्या एवं गौशालाओं के रखरखाव के संबंध में जानकारी दी गई। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अभिलाष मिश्रा द्वारा बताया गया कि शासन द्वारा उपलब्ध अनुदान सीधे गौशाला के खातों में भेजा जा रहा है।(Swami Akhileswarnand Betul) उन्होंने गौशाला संचालकों से अपील की तस्करी के दौरान पकड़े जा रहे पशुओं को गौशालाओं में रखने के लिए पुलिस को आवश्यक सहयोग करें। बैठक में जिला गौसंवर्धन समिति के उपाध्यक्ष प्रीतिवर्धन चतुर्वेदी, विभिन्न गौशालाओं के संचालक एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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