
Success Story: जिंदगी में अगर मेहनत की जाए तो ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे हासिल न किया जा सके। धैर्य के साथ बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सामना करते हुए आगे बड़ा जा सकता है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने मेहनत और लगन के दम पर अपनी किस्मत को बदला है। ऐसे ही शख्स है बेंगलुरु के पास स्थित एक छोटे से गांव में रहने वाले रेणुका आराध्या (Renuka Aradhya)। एक समय आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे रेणुका ने करोड़ों रुपयों की कंपनी खड़ी कर दी। आइए जानते है इनकी सफलता की कहानी के बारे में….
बता दें कि एक समय ऐसा भी था जब रेणुका आराध्या (Renuka Aradhya) गलियों में भीख मांगा करते थे। लेकिन आज वह 40 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं। रेणुका की कंपनी में सैकड़ों लोग नौकरी करते हैं। ऐसे लोग जो जिंदगी में नौकरी नहीं मिलने या पैसों को लेकर परेशान हैं रेणुका आराध्या ने उनके लिए एक मिसाल कायम की है। बचपन से कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए रेणुका ने आज इतनी बड़ी सफलता हासिल की है।
रेणुका आराध्या का परिचय (Success Story)
रेणुका आराध्या (Renuka Aradhya) बेंगलुरु के पास स्थित एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। रेणुका का जन्म एक गरीब पुजारी परिवार में हुआ था और बचपन बेहद गरीबी में गुजरा था। घर की आर्थिक हालत इतनी बुरी थी कि रेणुका को पढ़ाई पूरी करने के लिए दूसरों के घरों में नौकर की तरह काम करना पड़ता था। किसी तरह से उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की।
मंदिर में थे पुजारी (Success Story)
बता दें कि रेणुका आराध्या पास के ही मंदिर में पुजारी के रूप में काम किया करते थे। पूजा के बाद रेणुका और पिता घर-घर जाकर लोगों से चावल, आटा और दाल मांगते थे। इसी से उनके घर का गुजारा होता था। पढ़ाई छूट जाने के बाद पिता ने उन्हें दूसरे के घरों में घरेलू कामकाज के लिए लगवा दिया। रेणुका तब से घरों में जाकर झाड़ू-पोछा और बर्तन धुलने का काम करने लगे।
20 साल की उम्र में करनी पड़ी मजदूरी (Success Story)
20 साल की उम्र में रेणुका ने शादी कर ली। रेणुका का मानना था कि शादी उन्हें जिम्मेदार बना देगी। इस बीच वे सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी और मजदूरी करते रहे। उनकी पत्नी भी किसी फर्म में हेल्पर का काम करती थीं जो बाद में दर्जी बन गईं। रेणुका पर जिम्मेदारी बढ़ रही थी। इसके चलते उन्होंने लैथ मशीन पर काम शुरू किया। फिर प्लास्टिक फैक्टरी में काम किया। इसके बाद उन्होंने खुद का सूटकेस कवर का धंधा शुरू किया। इस धंधे में उन्हें 30 हज़ार का नुकसान हुआ, ये नुकसान उन्हें फिर से सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी पर ले आया।
सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर किया काम (Success Story)
रेणुका हमेशा से चाहते थे कि वह जीवन में कुछ बड़ा करें। इसी के चलते उन्होंने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ दी और ड्राइविंग सीखना शुरू कर दिया। काफी मेहनत के बाद वह एक अच्छे ड्राइवर बन गए। कुछ दिनों बाद उन्होंने एक ट्रैवल एजेंसी ज्वाइन कर ली। इस ट्रैवल एजेंसी में वह विदेशी पर्यटकों को घुमाने का काम करते थे। इसमें उन्हें अच्छी टिप्स भी मिल जाया करती थी। करीब 4 साल तक बतौर ड्राइवर उन्होंने काम किया इसके बाद उन्होंने खुद की एक ट्रैवल कंपनी खोलने का विचार किया।
ऐसे खड़ी कर दी करोड़ों रुपयों की कंपनी (Success Story)
रेणुका ने अपनी खुद की सेविंग और बैंक से कुछ मदद लेकर अपनी पहली कार खरीदी और Pravasi Cabs Pvt.Ltd. नाम से एक कंपनी की शुरुआत की। इस कार को एक साल चलाने के बाद उन्होंने एक और कार खरीदी। रेणुका को पता चला कि एक कैब कंपनी की स्थिति खराब चल रही थी वह अपने बिजनेस को बेचना चाहती थी। इस दौरान रेणुका ने करीब 6 लाख रुपये में उस कंपनी को खरीद लिया। कंपनी के पास उस समय करीब 35 कैब थी। यहीं से उनकी सफलता की कहानी शुरू हुई।
सफलता तब मिली जब ऐमजॉन इंडिया (Amazon India) ने खुद के प्रमोशन के लिए उन्हें चुना। धीरे-धीरे वॉलमार्ट, जनरल मोटर जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियां रेणुका के साथ काम करने लगी। वक्त बीतने के साथ उनकी कंपनी का टर्नओवर 40 करोड़ रुपये के पार हो गया। आज उन्होंने इस कारोबार के जरिए डेढ़ सौ से भी ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है।
“बैतूल अपडेट” व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें 👇