Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करना बहुत मुश्किल होता है। हर साल यूपीएससी सीएसई (UPSC CSE)परीक्षा में लाखों उम्मीदवार बैठते हैं। जिसमें से बहुत ही कम लोगों का फाइनल सेलेक्शन होता है। लेकिन लगभग 1,000 उम्मीदवार ही आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईएफएस (IFS) और अन्य सिविल सेवक बनने के लिए इस हाई-प्रोफाइल परीक्षा को पास कर पाते हैं। इस मुकाम पर पहुचने के लिए कई मुश्किलों और चुनौतियां का सामना करना होता हैं। ऐसे ही एक शख्स है जिन्होंने डिप्रेशन के चलते यूपीएससी की तैयारी की और ऑल इंडिया 53वीं रैंक हासिल कर IAS बने। इस शख्स का नाम IAS मनुज जिंदल है। आइए जानते है IAS मनुज जिंदल की संघर्ष भरी कहानी के बारे में…
IAS मनुज जिंदल का परिचय और शिक्षा (Success Story)
गाजियाबाद के एक गांव में जन्मे मनुज जिंदल शुरुआती पढ़ाई करने के बाद देहरादून के एक स्कूल में पढ़ाई करने चले गए। स्कूल की पढ़ाई पूरी करते ही उनका सीधे एनडीए में चयन हो गया। ट्रेनिंग एकेडमी में उन्होंने पहले टर्म में तो बहुत अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन दूसरा टर्म आते आते वो एंजाइटी और डिप्रेशन का शिकार हो गए। इस मुसीबत से लड़ाई उनके लिए बेहद मुश्किल थी, साथ ही मुश्किल था अपना वजूद और अपनी पहचान बचाना। इस दौर से बाहर आकर कैसे वो एक आईएएस अफसर बने, इसके पीछे की पूरी कहानी हर उस इंसान को प्रेरणा देती है जो डिप्रेशन को जीवन का अंत मान लेता है।
डिप्रेशन की समस्या इतनी गंभीर हो गई कि एनडीए के अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया। वहां तीन-चार महीने तक इलाज चला। आखिर में एकेडमी ने उन्हें निकाल दिया।
लक्ष्य पर किया फोकस (Success Story)
एकेडमी से निकाले जाने के बाद उन्हें संभालने उनके पैरेंट्स और भाई ने खास भूमिका निभाई। एनडीए (NDA) से घर आने के बाद स्थिति धीरे-धीरे सुधरने लगी। इस दौरान कई बार उन्हें लोगों से नकारात्मक बातें भी सुनने को मिली। लेकिन उन्होंने यह सब अनसुना करके सिर्फ लक्ष्य पर फोकस किया।
डिप्रेशन से निकलने के बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई के बारे में सोचा। उनके दोस्तों ने बताया कि भारत के अलावा विदेशी विश्वविद्यालयों में भी अप्लाई कर सकते हैं। वहां पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप भी मिल सकती है। मनुज को अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया में पढ़ाई का मौका मिल गया।
नौकरी छोड़ की यूपीएससी की तैयारी (Success Story)
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनियर से ग्रेजुएशन के बाद उन्हें बर्कलेज में जॉब मिल गई। यहां उन्होंने शानदार सैलरी पैकेज पर तीन साल जॉब किया। इस दौरान वह इंडिया आए तो उनका छोटा भाई यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। मनुज का भी मन हुआ कि भारत वापस आकर कुछ सार्थक काम किया जाए। उन्होंने तैयारी शुरू की और साल 2014 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी।
मनुज जिंदल का पहले अटेम्प्ट में मेन्स में सेलेक्शन हो गया। लेकिन इंटरव्यू में सेलेक्शन नहीं हुआ। इसके बाद दूसरा अटेम्प्ट दिया। इसमें भी वह इंटरव्यू तक गए। लेकिन रिजर्व लिस्ट में आ गए। इसके बाद साल 2017 में उन्होंने तीसरी बार यूपीएसी परीक्षा दी। इस बार उनकी ऑल इंडिया 52 रैंक आई। वह महाराष्ट्र कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।
यूपीएससी आंसर राइटिंग पर लिखी है यह किताब (Success Story)
हालांकि, अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास कर ली लेकिन वे फाइनल रिजल्ट की आरक्षित सूची में थे। लेकिन अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने आखिरकार 2017 में परीक्षा पास कर ली और ऑल इंडिया 53वीं रैंक हासिल की। उन्होंने यूपीएससी आंसर राइटिंग पर एक किताब लिखी है जिसका नाम ‘एसिंग द आर्ट ऑफ आंसर राइटिंग’ है। बता दें कि IAS मनुज एक YouTube चैनल भी चलाते हैं जिसमें वे लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करते हैं और छात्रों को UPSC की तैयारी के बारे में बताते हैं।
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