Success Story: IAS की पढ़ाई छोड़ दोस्‍त के साथ मिलकर खोली चाय की दुकान, आज है सालाना 150 करोड़ का टर्नओवर

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Success Story: IAS की पढ़ाई छोड़ दोस्‍त के साथ मिलकर खोली चाय की दुकान, आज है सालाना 150 करोड़ का टर्नओवर
Success Story: IAS की पढ़ाई छोड़ दोस्‍त के साथ मिलकर खोली चाय की दुकान, आज है सालाना 150 करोड़ का टर्नओवर

Success Story : जीवन में अगर कुछ अच्‍छा बनने के लिए कड़ी मेहनत की जाए तो अपने भविष्य को भी बेहतर बनाया जा सकता है। ऐसे बहुत ही कम लोग होते हैं, जो आर्थिक परेशानियों के बावजूद अपने दम पर शानदार सफलता हासिल करते है। मेहनत और लगन से खुद को फर्श से अर्श पर पहुंचाया जा सकता है। इसी बात को सच करके दिखाया है अनुभव दुबे ने जो कभी यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने मात्र 23 साल की उम्र में अपने दोस्त आनंद नायक के साथ मिलकर फेमस ‘चाय सुट्टा बार’ (Chai Sutta Bar) की स्थापना की थी। आइए जानते है दोनों दोस्‍तो ने मिलकर कैसे रचा इतिहास…

Success Story: IAS की पढ़ाई छोड़ दोस्‍त के साथ मिलकर खोली चाय की दुकान, आज है सालाना 150 करोड़ का टर्नओवर
Success Story: IAS की पढ़ाई छोड़ दोस्‍त के साथ मिलकर खोली चाय की दुकान, आज है सालाना 150 करोड़ का टर्नओवर

ऐसे आया था बिजनेस का आईडिया (Success Story)

अनुभव दुबे (Anubhav Dubey) ने आठवीं क्लास तक एक गांव में पढ़ाई की थी जिसके बाद वह आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर आ गए थे और वहां उनकी मुलाकात आनंद नायक (Anand Nayak) से हुई थी। जहां आगे की स्टडी दोनों दोस्तों ने साथ में की थी लेकिन बाद में दोनों अपने अपने करियर के लिए अलग हो गए। क्योंकि आनंद पहले से ही बिजनेसमैन था इसलिए उसने पढ़ाई छोड़ कर बिजनेस करने में लग गया।

वहीं अनुभव के माता पिता उसे आईएस बनाना चाहते थे। अनुभव के पिता एक बिजनेसमैन थे। लेकिन वह नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भी एक व्यावसायी बने। इसलिए उन्होंने अनुभव को दिल्ली यूपीएससी की तैयारी करने के लिए भेज दिया। हालांकि, उनका मन कोई बिजनेस शुरू करने का ही था। इसमें उनका साथ उनके स्कूल के दोस्त आनंद नायक ने दिया। एक दिन फोन पर बात करते हुए आनंद ने अनुभव को बताया कि पुराना बिजनेस बंद हो चुका है और अब वे दोनों मिलकर कुछ नया कर सकते हैं। अनुभव बिना माता-पिता को बताए इंदौर पहुंचे। दोनों के पास कुल 3 लाख रुपये की सेविंग थी जिससे बिजनेस शुरू करना था।

अनुभव के मन में टी-शॉप खोलने की बात आई, क्‍योंकि चाय भारत में काफी पसंद की जाती है और कम निवेश में यहां अच्छे रिटर्न की उम्मीद थी। टेस्टी और कड़क चाय पीना भारत में अधिकतर लोगों को पसंद है। और इसी को देखते हुए अनुभव और आनंद ने इसे अपना बिजनेस बनाने की सोचा। और फिर क्या था दोनों ने इसकी छोटे स्तर से शुरुआत की।

Success Story: IAS की पढ़ाई छोड़ दोस्‍त के साथ मिलकर खोली चाय की दुकान, आज है सालाना 150 करोड़ का टर्नओवर
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गर्ल्स हॉस्टल के पास लगाई चाय की दुकान (Success Story)

उन्होंने भंवरकुआँ में गर्ल्स हॉस्टल के सामने चाय सुट्टा बार की शुरुआत की। इस इलाके में कई कोचिंग सेंटर थे। इसलिए चाय की दुकान के लिए यह एक प्राइम लोकेशन थी। हालांकि, इसके बावजूद इनकी दुकान पहले दिन बहुत कम ही लोग आए। यही सिलसिला कुछ दिन और चला। इस बार भी दोस्त ही इनकी मदद के लिए आगे आए।

अनुभव का कहना है यह सफर दोनों के लिए आसान नहीं था। जब दूकान का सेटअप कर रहे थे उसी बीच में उनके पास पैसे खत्म हो गए थे और उनके पास बैनर लगाएं तक के भी पैसे नहीं थे। जिसके बाद एक लकड़ी का सिंपल बोर्ड बनाकर उन्होंने चाय की दुकान को नाम दिया “Chai Sutta Bar” । दोनों दोस्तों के लिए यह सब इतना आसान नहीं था। अनुभव और आनंद को शुरुआत में बहुत कुछ झेलना पड़ा। अनुभव ने कहा कि लोग ताना मारते थे। माता-पिता चाहते थे कि बेटा यूपीएससी की तैयारी करे। लेकिन उसने चाय बेचना शुरू कर दिया। अनुभव के पिता भी नहीं चाहते थे कि वे ऐसा करें। धीरे-धीरे ग्राहक बढ़ने लगे और खूब कमाई करने लगे।

एक अतरंगी आइडिया

जब दुकान पर लोगों का आना बेहद कम दिखा तो अनुभव ने दोस्तों की मदद ली। उन्होंने अपने दोस्तों को दुकान पर बुलाया और फर्जी भीड़ इकट्ठा की। वह उन्हें मुफ्त में खाने-पीने की चीजें देते थे। लेकिन दुकान पर सुबह से शाम तक लोगों की आवाजाही बनी रहती थी। भीड़ देखकर धीरे-धीरे बाहर के लोग भी दुकान की ओर आकर्षित होने लगे। इतना ही नहीं अनुभव के दोस्ते कई भीड़ वाली जगहों पर “चाय सुट्टा बार” (Chai Sutta Bar) का नाम लेकर लोगों को सुनाने के लिए जोर-जोर से बातें करते थे। इससे लोगों के मन में उत्सुकता पैदा होने लगी। इसी तरह चाय सुट्टा बार का धंधा चल पड़ा।

9 तरह के फ्लेवर की मिलती चाय (Success Story)

“Chai Sutta Bar” में यह लोग 9 अलग-अलग तरह के स्वाद की चाय बेचते हैं। जिसमें इलायची, अदरक, तुलसी, केसर, नींबू, पान और मसाला चाय शामिल है। जिसमें 10 रुपए की चाय से लेकर 150 रूप तक की चाय शामिल है। बता दें कि दोनों ने बिजनेस करने के साथ-साथ करीब 250 कुम्हारों को भी रोजगार दिया है जो इनके लिए मिट्टी के कुल्हड़ बनाने का काम करते हैं। फिलहाल दोनों का टारगेट देश के हर छोटे शहर में अपने आउटलेट्स फैलाने का है। जिससे गरीबों को भी रोजगार मिल सके।

150 करोड़ का है टर्नओवर (Success Story)

अनुभव और नायक ने 6 महीने के अंदर 2 राज्यों में चाय सुट्टा बार की 4 फ्रेंचाइजी बेच दी। फिलहाल देश में इसके 150 आउटलेट हैं। केवल देश ही विदेशों में भी इस कंपनी की फेंचाइजी खुल रही है। “चाय सुट्टा बार” (Chai Sutta Bar) दुबई, यूके, कनाडा व ओमान जैसे देशों तक पहुंच गया है। खबरों की मानें तो आज कंपनी हर साल 100-150 करोड़ रुपये की सेल करती है।

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