
Solar Panel Subsidy: सरकार आम नागरिकों के लिए कई योजना चला रही है। इसमें कुछ योजना इतनी प्रभावशाली है कि हर कोई इसका लाभ लेना चाहता है। इसी में से एक है सोलर रूफ टॉप योजना। इस योजना में सरकार पैसा भी देती है और आपको फ्री बिजली भी मिल जाती है। हम आपको इस योजना में आवेदन करने से लेकर योजना की सारी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
लगातार होने वाली बिजली कटौती या महंगे बिजली बिल की समस्या से आप परेशान हैं तो अपने घर की छत पर सोलर प्लांट लगाकर इन दोनों समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
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40 फीसदी तक सब्सिडी (Solar Panel Subsidy)
भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New & Renewable Energy) ने सोलर रूफ टॉप योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत 1 से 3 किलोवाट तक के सोलर प्लांट पर 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। वहीं 3 किलोवाट से 10 किलोवाट तक 20 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इस योजना को राज्यों में स्थानीय विद्युत वितरण कंपनी (Discom) संचालित कर रही हैं।
कितना आता है खर्च
यदि आप 2 किलो किलोवाट का सोलर पैनल लगाते हैं तो आपको इसके लिए लगभग 1.20 लाख रुपये तक खर्च आएगा। सरकार इसमें आपकी मदद भी करेगी और आपको 40 फीसदी की सब्सिडी देगी, जो कि 48,000 रुपये होती है। इससे आपकी लागत घटकर 72 हजार रुपये रह जाएगी। सोलर पैनल की आयु 25 साल होती है। ऐसे में आप एक बार में निवेश करके सालों तक फ्री बिजली पा सकते हैं।
इस तरह करें आवेदन
यदि आप सोलर रूफटॉप लगवाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए सरकारी और अधिकारिक वेबसाइट https://solarrooftop.gov.in/ पर जाना होगा। इसके बाद आपको अप्लाई फॉर सोलर रूफटॉप पर क्लिक करना होगा। यहां आपके सामने एक और नया पेज खुलेगा। फिर आपको राज्य के अनुसार लिंक का चयन करना होगा। इसके बाद फॉर्म खुलेगा। इसमें आपको अपनी सारी जानकारियां भरना होगा। सब्सिडी की राशि सोलर पैनल लगाने के 30 दिनों के भीतर डिस्कॉम द्वारा आपके दिए गए खाते में डाल दी जाएगी।
32603 करोड़ रुपए की हुई बचत (Solar Panel Subsidy)
भारत में ज्यादातर बिजली उत्पादन कोयला के माध्यम से किया जाता है जो हमारे पर्यावरण को बहुत खराब करता है लेकिन भारत ने सोलर एनर्जी में अपने बढ़ते कदमों से बड़ा कमाल कर दिखाया है। भारत ने साल 2022 की पहली छमाही में सौर ऊर्जा के बढ़े उत्पादन के कारण लगभग 2 करोड़ टन कोयले की बचत की थी। जिसके साथ कोयले की बचत के साथ भारत ने अपने ईंधन लागत में 4.2 अरब डॉलर लगभग 32603 करोड़ रुपए की बचत की है।