Shivlinga Putrajeeva: बैतूल के जंगल में भी मिलती है बाबा रामदेव की औषधि शिवलिंगा पुत्रजीवा

 

Shivlinga Putrajeeva: बैतूल के जंगल में भी मिलती है बाबा रामदेव की औषधि शिवलिंगा पुत्रजीवा▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़

Shivlinga Putrajeeva: घने जंगलों से आच्छादित ताप्ती के सघन वनों में आयुर्वेद में वर्णित कई औषधियां भी मिलती हैं। जिनमें कई दुर्लभ मानी जाने वाली औषधियां भी शामिल हैं। आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव के द्वारा खोज की गई दिव्य पुत्रजीवक औषधि भी बैतूल जिले के ताप्ती वन क्षेत्र के गांवों में आसानी से मिल जाती है।

Shivlinga Putrajeeva: बैतूल के जंगल में भी मिलती है बाबा रामदेव की औषधि शिवलिंगा पुत्रजीवा

जानकारों के द्वारा बताया जाता है कि शिवलिंगाकर यह पुत्रजीवक बीज नि:संतानता के लिए प्रयोग किये जाते हैं। संतान की प्राप्ति के लिए महिलाएं रुद्राक्ष की तरह शिवलिंगी पुत्रजीवा (Shivlinga Putrajeeva) के बीज की माला गले में धारण करती है। इसे धागे में गूँथकर माला बनाई जाती है। कई लोग बच्चों के गले में भी पहनाते हैं, जिससे वे स्वस्थ बने रहे। इसे आयुर्वेद में पुत्र प्राप्ति की दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। इसका फल लाल रंग का होता है और रुद्राक्ष की भांति दिखलाई देता है। इसमें ही अंदर शिवलिंगाकर बीज (Shivlinga Putrajeeva) निकलते हैं जो अक्सर गांवों में मिल जाते हैं। यह दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में पूरी तरह परिपक्व हो जाते हैं।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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