Shardiya Navratri 2022: पूरे देश में नवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। घर-घर माता की आराधना, घट स्थापना की जाती है। पूरा देश भक्ति में डूबा रहता है। आमतौर पर वैष्णवी विधि से मां भगवती की पूजा अर्चना सभी जगह की जाती है, लेकिन भारत का एक ऐसा अनोखा मंदिर (Unique Temple) जहां भोग में हलवा-खीर, चना-पुड़ी या फल और मावा नहीं बल्कि मांसाहारी भोग चढ़ाया जाता है। ये सुन कर आश्चर्य हो रहा होगा, लेकिन ये सच है। भारत का पहला और एकलौता मंदिर है जहां माता को मांसाहारी भोग चढ़ाया जाता है।
आमतौर पर माना जाता है कि पूजा पाठ के दौरान मांसाहारी भोजन से लोग कोसों दूर होते हैं। इसे अछूत मानते हैं, लेकिन इस जगह पर मां काली को नवरात्रि के 3 दिन मांसाहारी भोग लगाए जाते हैं। यह अपने आप में एक अलग आस्था माना जाता है। यहां के पंडित बताते हैं कि यहां माता को पशु की बलि चढ़ाई जाती है और उसी का भोग भी लगता है।
देश विदेश से आते है साधक
मां काली का ये मंदिर बिहार के दरभंगा जिले के सैदनगर में स्थित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां पर तांत्रिक विधि से पूजा होती है। यहां देशभर से साधक तो आते ही है, साथ ही विदेशी साधक भी यहां मां की साधना के लिए आते है।
तंत्र विद्या को सिद्ध करने होती है कठोर साधना
देशभर में जहां-जहां मां भगवती की शक्ति उपासक केंद्र है। उन सभी जगहों पर उपासक अपनी तांत्रिक विधि से उपासना करते हैं। उसी में से एक यह भी है। यहां पर पड़ोसी देश नेपाल और बिहार से सटे राज्य जैसे झारखंड, पश्चिम बंगाल, आसाम इन तमाम जगहों से तांत्रिक से लेकर उपासक तक यहां तंत्र विद्या को सिद्ध करने आते हैं। यहां 9 दिन तक कठोर साधना की जाती है। उन साधकों के रहने की सारी व्यवस्था मंदिर प्रशासन की होती है।
इस बार 50वीं वर्षगांठ
सैफ नगर दुर्गा पूजा की स्थापना 1972 में की गई थी तब से निरंतर यहां भव्य साज-सज्जा के साथ पूजा अर्चना की जाती रही है। पूजा समिति के कोषाध्यक्ष बताते हैं कि इस बार हम लोग अपनी 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसको लेकर काफी धूमधाम से तैयारियां चल रही है। पूरा पूजा पंडाल रोशनी से सराबोर दिखेगा। वहीं मंदिर के बगल में तालाब को भी रोशनी से पूरी तरह चाक-चौबंद कर दिए जाएंगे।
रथ पर सवार है माता
आमतौर पर आप लोग मां दुर्गा को सिंह पर सवार देखते होंगे, लेकिन इस बार यहां पूजा समितियों के द्वारा माता की मूर्ति को कुछ विशेष आकार दिया गया है। पूजा समिति ने बताया कि इस बार यहां मां दुर्गा को रथ पर सवार दिखाया गया है। इस रथ को दो शेर खींच रहे हैं और उनका लगाम मां दुर्गे के हाथों में है। इस तरह की मूर्ति भक्तों को आकर्षित करने के लिए भी बनाया जा रहा है।
News Source: news18