Sawan Mehndi : सावन का महीना 4 जुलाई से प्रारम्भ होने वाला है और 30 अगस्त को समाप्त होगा। सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय है। यह महीना शिव भक्तों के लिए खास महीना होता है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में विधि विधान से पूजा करने पर भगवान शिव हर मनोकामना पूरी करते हैं। इस साल सावन 59 दिनों का हैं।
सावन के महीने में महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाना पसंद करती हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन में मेहंदी लगाना शुभ होता है। कहा जाता है कि सावन का महीना बिना मेहंदी के अधूरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन के महीने में मेहंदी क्यों लगाई जाती है? और इसका क्या महत्व है? तो आइए जानते हैं इस बारे में…..
सावन के सोमवार व्रत का महत्व (Sawan Mehndi)
सावन के सोमवार का व्रत महिलाओं और कन्याओं के लिए खास माना जाता है। कहते हैं अगर कुंवारी कन्याएं सावन सोमवार का व्रत रखें तो उन्हें मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। वहीं, सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं।
सावन में मेहंदी लगाने की धार्मिक मान्यता (Sawan Mehndi)
मेहंदी के बारे में ऐसी मान्यता है कि मेहंदी लगाने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है और जिसके हाथ की मेहंदी जितनी गहरी रचती है, उसको उतना ही अपने पति प्यार मिलता है। कुछ तीज-त्योहार जैसे की करवा चौथ, तीज में मेहंदी लगाना बहुत जरूरी होता है। वहीं, मेहंदी फेशन के लिए भी लगाई जाती है। अगर मेहंदी की बात करें तो शादी ब्याह से लेकर तीज-त्योहार इसके बिना अधूरे है। मेहंदी महिला के सोलह सिंगार में शामिल है। इसलिए यह बहुत ही शुभ माना जाता है।
मेहंदी से होता है तनाव दूर (Sawan Mehndi)
ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में तेज बारिश होती है। जिसके कारण कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में इन बीमारियों से बचने के लिए मेहंदी का इस्तेमाल किया जाता है। मेहंदी का इस्तेमाल शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता कि हरा रंग कई रोगों की रोक-थाम में कारगर होता है। मेहंदी की खुशबू शरीर को ठंडक देकर स्ट्रेस को कम करने का काम करती है। यहीं वजह है कि सावन में मेहंदी लगाने का चलन चला आ रहा है।