मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है। लंबे समय से रुके प्रमोशन और सैलरी बढ़ोतरी का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। प्रदेश में बीते 9 सालों से प्रमोशन पर रोक लगी हुई थी, जिससे हजारों कर्मचारी और अधिकारी बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो गए। इससे सरकारी कर्मचारियों में गहरी नाराजगी थी। अब राज्य सरकार के विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने इस नाराजगी को दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
9 साल से अटके थे प्रमोशन
मई 2016 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण नियम 2002 को खत्म कर दिया था। इसके बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई और मामला अभी तक लंबित है। इसी वजह से पूरे राज्य में प्रमोशन रुके हुए थे। इन 9 सालों में हजारों कर्मचारी बिना किसी प्रमोशन के ही सेवानिवृत्त हो गए। कर्मचारी संगठनों ने लगातार सरकार से प्रमोशन की मांग की, लेकिन हल नहीं निकल सका।
विधि विभाग ने दिखाया रास्ता
अब विधि एवं विधायी कार्य विभाग ने 125 से ज्यादा कर्मचारियों को प्रमोशन देकर उनकी सैलरी बढ़ा दी है। ये प्रमोशन विभागीय भर्ती नियमों के तहत दिए गए हैं। 1 जनवरी 2024 से इन्हें वरिष्ठता क्रम में प्रमोशन और बढ़ी हुई सैलरी का लाभ मिलेगा। यही नहीं, महाधिवक्ता कार्यालय के कर्मचारियों को भी प्रमोशन दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर रहेंगे प्रमोशन
हालांकि, ये सभी प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर रहेंगे। यदि सुप्रीम कोर्ट कोई दूसरा आदेश देता है, तो इन प्रमोशनों में बदलाव किया जा सकता है। यही प्रक्रिया अब दूसरे विभागों में भी लागू की जा सकती है।
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टाइम स्केल पे स्कीम की मांग तेज
राज्यभर के कर्मचारी संगठन प्रमोशन के विकल्प के रूप में टाइम स्केल पे स्कीम की मांग कर रहे हैं। इससे कर्मचारियों की सैलरी भी बढ़ेगी और उन्हें नए पदनाम भी मिलेंगे। अब सामान्य प्रशासन विभाग भी इस मुद्दे पर सक्रिय हो गया है और जल्द ही बड़ा कदम उठा सकता है।