Rain Alert India : देश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बिगड़ गया है। यही कारण है कि अगले 4 दिनों में देश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है। सोमवार से आज सुबह तक भी देश में कई स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। कुछ जगह तो भारी बारिश हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा आज 29 अक्टूबर 2024 की सुबह जारी बुलेटिन में बताया गया है कि अगले 4 दिनों में देश के कई हिस्सों में मध्यम और भारी बारिश होने की संभावना है। आज 29 अक्टूबर के लिए पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ के लिए चेतावनी जारी की गई है। इसके अनुसार इन राज्यों में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ आंधी आने की संभावना है।
बुधवार को ऐसा रहेगा मौसम
इसके अलावा बुधवार 30 अक्टूबर को कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने के साथ गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।
गुरुवार को यहां भारी बारिश
गुरुवार 31 अक्टूबर को तटीय कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा (7 सेमी या अधिक) होने की संभावना है। वहीं कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने और गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।
शुक्रवार को इन क्षेत्रों में वर्षा
शुक्रवार 1 नवंबर को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा (7 सेमी या अधिक) होने की संभावना है।
इसके अलावा कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर बिजली गिरने और गरज के साथ बारिश होने की संभावना है।
बीते 24 घंटों में इन क्षेत्रों में बारिश
बीते 24 घंटों में तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, ओडिशा में अलग-अलग स्थानों पर बारिश हुई। इनमें से तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई।
तटीय आंध्र प्रदेश के बथुपुरम (ऊपरी) (जिला श्रीकुलम) में 9, बथुपुरम (निचला) (जिला श्रीकुलम) में 8, शिवकोडु (जिला डॉ. बी.आर अम्बेडकर कोनसीमा) में 2 और ओडिशा के अंगुल में 3 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।
फिलहाल ऐसी है मौसमी स्थिति
उत्तरी आंध्र प्रदेश तट से सटे दक्षिणी ओडिशा के ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है, जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है।
इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के ऊपर ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है।
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