▪️ मनोहर अग्रवाल, खेड़ी सांवलीगढ़
Purushottami Ekadashi: सावन के महीने में आये पुरुषोत्तम (Purushottami Ekadashi) मास में पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान करने इन दिनों ग्रामीणजन पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं। कहा जाता है कि इस वर्ष कई वर्षों बाद सावन के महीने में पुरुषोत्तम मास (अधिक मास) का संयोग बना है। शनिवार के दिन पुरुषोत्तमी एकादशी (Purushottami Ekadashi) के अवसर पर ताप्ती घाट पर अलसुबह से ही बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष माँ ताप्ती में स्नान और पूजन के लिए पहुंचे हैं।
कई लोग इसे अमृत एकादशी (Purushottami Ekadashi) भी कह रहे हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान दान और पूजन का बड़ा महत्व है। पंडित राजेश दुबे, सुनील कुमार व्यास बताते हैं कि यह एकादशी का बड़ा दुर्लभ संयोग बना है।
दिन शनिवार को शनि की बहन ताप्ती में स्नान और भगवान भोलेनाथ का ताप्ती जल से अभिषेक करने से कोटि-कोटि जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसा संयोग कई सालों में आया है। वे लोग बड़े धन्य हैं जो माँ ताप्ती में श्रद्धा और भक्ति की डुबकियां लगा रहे हैं और पंडितों को दान भी कर रहे हैं।