prices of pulses : तुअर, उड़द और चने के मंडियों में रेट गिरे, खुदरा दाम बढ़े

prices of pulses : नई दिल्ली। पिछले तीन महीनों के दौरान प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में औसतन लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है। चना के मामले में, पिछले एक महीने में मंडी कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में वृद्धि जारी है।

prices of pulses : तुअर, उड़द और चने के मंडियों में रेट गिरे, खुदरा दाम बढ़े

prices of pulses : नई दिल्ली। पिछले तीन महीनों के दौरान प्रमुख मंडियों में तुअर और उड़द की कीमतों में औसतन लगभग 10 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन खुदरा कीमतों में ऐसी कोई गिरावट नहीं देखी गई है। चना के मामले में, पिछले एक महीने में मंडी कीमतों में गिरावट देखी गई है, लेकिन खुदरा कीमतों में वृद्धि जारी है।

यह खुलासा मंगलवार को उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव श्रीमती निधि खरे ने रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) और प्रमुख संगठित खुदरा श्रृंखलाओं के साथ बैठक में किया। उन्होंने बैठक में प्रमुख दालों की कीमतों के परिदृश्य और रुझानों पर चर्चा की।

अनुचित मार्जिन का दे रहे संकेत

उन्होंने बैठक में दो टूक कहा कि उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव ने बताया कि उन्होंने बताया कि थोक मंडी कीमतों और खुदरा कीमतों के बीच अलग-अलग रुझान खुदरा विक्रेताओं द्वारा बाजार से निकाले जा रहे अनुचित मार्जिन का संकेत देते हैं। इन रुझानों पर बारीकी से नजर रखी जा रही है और अगर यह अंतर बढ़ता हुआ पाया जाता है तो आवश्यक उपाय शुरू करने होंगे।

तुअर दाल के मंडी भाव और खुदरा मूल्य का ट्रेंड
तुअर दाल के मंडी भाव और खुदरा मूल्य का ट्रेंड
उड़द के मंडी भाव और खुदरा मूल्य का ट्रेंड
उड़द के मंडी भाव और खुदरा मूल्य का ट्रेंड
चना के मंडी भाव और खुदरा मूल्य का ट्रेंड
चना के मंडी भाव और खुदरा मूल्य का ट्रेंड

बुआई क्षेत्र बढ़ने से गिरी कीमत

यह बैठक त्यौहारी सीजन को देखते हुए समय पर और महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि इस साल खरीफ दालों की बेहतर उपलब्धता और अधिक बुवाई क्षेत्र की वजह से हाल के महीनों में अधिकांश दालों की मंडी कीमतों में गिरावट का रुख रहा है। इस बैठक में आरएआई के अधिकारियों और रिलायंस रिटेल लिमिटेड, विशाल मार्ट, डी मार्ट, स्पेंसर और मोर रिटेल के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

विदेशों से भी किया जा रहा आयात

उपभोक्ता कार्य विभाग की सचिव ने उपलब्धता की स्थिति के संबंध में बताया कि खरीफ उड़द और मूंग की आवक बाजारों में शुरू हो गई है, जबकि पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमार से तुअर और उड़द का आयात घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए लगातार आ रहा है।

घरेलू उपलब्धता की सहज स्थिति इस तथ्य से भी स्पष्ट होती है कि उपभोक्ता मामलों के विभाग के स्टॉक प्रकटीकरण पोर्टल में बड़े-चेन खुदरा विक्रेताओं की ओर से घोषित दालों के स्टॉक की मात्रा हर हफ्ते बढ़ रही है।

इस साल इतना बढ़ा है रकबा

उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष खरीफ दलहनों की बुवाई का रकबा पिछले वर्ष से 7 प्रतिशत अधिक है तथा फसल की स्थिति अच्छी है। रबी की बुवाई की तैयारी में, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने दलहनों में उत्पादन बढ़ाने तथा आत्मनिर्भरता पाने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रमुख उत्पादक राज्य को फोकस योजनाएं सौंपी हैं।

उद्योग से कहा- सहयोग करें

मौजूदा उपलब्धता की स्थिति तथा मंडी कीमतों में नरमी को देखते हुए, सचिव ने खुदरा उद्योग से कहा कि वे दालों की कीमतों को उपभोक्ताओं के लिए किफायती बनाए रखने के सरकार के प्रयासों में हर संभव सहायता प्रदान करें।

इस संबंध में, उन्होंने संगठित खुदरा शृंखलाओं को भारतीय दालों, विशेषकर भारतीय मसूर दाल तथा भारतीय मूंग दाल के वितरण में एनसीसीएफ तथा नैफेड के साथ समन्वय करने के लिए आमंत्रित किया, ताकि उपभोक्ताओं के बीच भारतीय दालों की पहुंच को बढ़ाया जा सके।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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