Pradeep Mishra JI betul Katha Live Today: मध्यप्रदेश के बैतूल में पंडित प्रदीप मिश्रा जी की मां ताप्ती शिवपुराण कथा चल रही है। आज गुरुवार को कथा का चौथा दिन है। दोपहर के एक बज चुके हैं और उनकी कथा शुरू हो गई है। आप यहां नीचे दी गई वीडियो स्क्रीन पर क्लिक करके पंडित मिश्रा जी की कथा को लाइव देख और सुन सकते हैं। वैसे भी आज चौथे दिन की कथा को कथा स्थल पर जाकर सुनने की अपेक्षा टीवी या मोबाइल पर देखना ही बेहतर है। रात भर हुई बारिश से कथा स्थल पूरी तरह दलदल में तब्दील हो गया है।
इस भव्य आयोजन के कारण न केवल बैतूल शहर बल्कि पूरा जिला देवाधिदेव महादेव की भक्ति में लीन हो गया है। वही दूसरी ओर शिवपुराण कथा में प्रकृति लगातार बाधा उत्पन्न कर रही है। कल रात से आज सुबह तक हुई बारिश के चलते कथा स्थल एक बार फिर कीचड़ से सराबोर होकर दलदल में तब्दील हो गया है। इसके बावजूद कई भक्तों ने कथा स्थल नहीं छोड़ा। सुरक्षित और आरामदायक स्थान पर ठहरने के बजाय उन्होंने वहीं रुके रहना उचित समझा। इधर आयोजन समिति एक बार फिर कथा स्थल को व्यवस्थित करने में जुट गई है।
यहां देखें लाइव कथा
https://www.youtube.com/watch?v=dk0b7CGl_Fw
विगत 12 दिसंबर से बैतूल के कोसमी स्थित शिवधाम किलेदार गार्डन में मां ताप्ती शिवपुराण कथा चल रही है। इस कथा में पहले दिन से ही प्रकृति भारी बाधा डाल रही है। पहले दिन की कथा समाप्त होते ही तेज बारिश हो गई थी। इससे कथा स्थल दलदल बन गया था। उस दिन के बाद से लगातार सुधार कार्य किया जा रहा था। हालांकि कथा नियमित चल रही है। भक्त भी अपनी अटूट आस्था दिखाते हुए हर दिन उपस्थिति का नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। कई श्रद्धालु तो कीचड़ में बैठकर भी कथा श्रवण करते देखे जा सकते हैं। (Pradeep Mishra JI betul Katha Live Today)
ऐसा लग रहा था कि गुरुवार तक व्यवस्थाएं पूरी तरह से दुरुस्त हो जाएंगी, लेकिन इसके पहले ही एक बार फिर बुधवार रात से ही बारिश शुरू हो गई। इस बार पिछली बार से ज्यादा बारिश हुई है। सुबह तक बारिश होती रही है। बैतूल ब्लॉक में 12.8 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके चलते कथा स्थल पर एक बार फिर कीचड़ ही कीचड़ हो गया है। पूरा कथा स्थल लगभग दलदल में तब्दील हो गया है।
स्थिति को देखते हुए आयोजन समिति ने रात को ही पंडाल में ठहरे श्रद्धालुओं को परसोड़ा वेयर हाउस सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके बावजूद हजारों श्रद्धालु ऐसे भी थे, जिन्होंने कहीं भी जाने से साफ मना कर दिया। कीचड़ और दलदल होने के बावजूद वे वहीं परेशानी सहते हुए भी रुके रहे।
इधर आयोजन समिति बारिश के रुकते ही एक बार फिर कथा स्थल को व्यवस्थित करने में जुट गई है, लेकिन अभी समिति के पास पर्याप्त समय नहीं है। पिछली बार सुधार के लिए रात भर और सुबह से एक बजे तक का समय मिल गया था। लेकिन इस बार सुबह तक बारिश ही होती रही। ऐसे में कथा शुरू होने तक सब कुछ व्यवस्थित होना किसी भी हालत में संभव नहीं है। यही कारण है कि इस बार कथा स्थल पर मंगलवार से ज्यादा परेशानियां हो सकती है। यही कारण है कि आज कथा स्थल पर जाकर कथा सुनने के बजाय घर पर टीवी या मोबाइल पर ही कथा सुनना बेहतर होगा।