
PM Swamitva Yojana : (नई दिल्ली)। पंचायती राज मंत्रालय गाँव की संपत्ति के मालिकों को अधिकारों का रिकॉर्ड प्रदान करने के लिए स्वामित्व योजना (PM Swamitva Yojana) लागू कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन-प्रौद्योगिकी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बसावट (आबादी) भूमि का सीमांकन करना है। यह पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभागों, राज्य पंचायती राज विभागों और भारतीय सर्वेक्षण विभाग का एक सहयोगात्मक प्रयास है।
इस योजना में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है, जैसे, संपत्तियों के मुद्रीकरण की सुविधा और बैंक ऋण को सक्षम करना; संपत्ति संबंधी विवादों को कम करना; व्यापक ग्राम स्तरीय योजना, सही अर्थों में ग्राम स्वराज प्राप्त करने और ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। 24 जनवरी 2024 तक, स्वामित्व योजना (PM Swamitva Yojana) के कार्यान्वयन के लिए 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
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यहां पूरा हो चुका ड्रोन सर्वेक्षण (PM Swamitva Yojana)
31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 2.93 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। राज्यों ने राज्य अधिनियमों और नियमों के अनुसार संपत्ति कार्ड बनाने के लिए प्रक्रियाओं को परिभाषित किया है। 24 जनवरी 2024 तक 1.09 लाख गांवों में 1.75 कोर संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, लद्दाख, दिल्ली, लक्षद्वीप, दादरा नगर हवेली और दमण और दीव में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। यह योजना हरियाणा, उत्तराखंड, गोआ, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुद्दुचेरी में लागू की गई है।
कठोर प्रक्रिया से बन रहे संपत्ति कार्ड (PM Swamitva Yojana)
संपत्ति कार्ड राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा राज्य राजस्व या पंचायती राज अधिनियमों में निर्धारित परिभाषित प्रक्रियाओं के अनुसार बनाए जाते हैं। राज्य भूमि सत्यापन, दावों और आपत्तियों के निपटान और संपत्ति कार्ड तैयार करने के लिए कठोर प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्य जमीनी सत्यापन के लिए मोबाइल/वेब-आधारित एप्लिकेशन का भी उपयोग कर रहे हैं।
सामाजिक प्रोफाइल रजिस्ट्री का भी सहयोग (PM Swamitva Yojana)
कुछ राज्यों ने सटीक और त्वरित जमीनी सत्यापन के लिए सामाजिक प्रोफ़ाइल रजिस्ट्री को भी एकीकृत किया है, जैसे मध्य प्रदेश में समग्र, गुजरात में ग्राम सुविधा पोर्टल, आदि। जिन राज्यों में जमीनी सत्यापन के लिए मैन्युअल प्रक्रियाएं हैं, उन्हें नियमित रूप से जमीनी सत्यापन और संपत्ति कार्ड बनाने की तैयारी के लिए ऑनलाइन सिस्टम बनाने की सलाह दी जाती है।
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