PM Fasal Bima Yojana : केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत नई दिल्ली के कृषि भवन में गुरुवार को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के डिजिटल दावा निपटारा मॉड्यूल डिजीक्लेम का शुभारंभ किया। मॉड्यूल की शुरुआत के साथ दावों का वितरण इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाएगा, जिससे छह राज्यों के संबंधित किसानों को लाभ होगा। अब, सभी बीमित किसानों के जीवन को आसान बनाने और उन्हें एक स्थायी वित्तीय प्रवाह तथा सहायता प्रदान करने के लिए स्वचालित दावा निपटान प्रक्रिया एक निरंतर चलने वाला कार्य होगा।
इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि यह हमारे मंत्रालय के लिए गर्व की बात है कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है कि किसानों को दावा राशि समयबद्ध और स्वचालित तरीके से डिजिटल रूप से प्राप्त हो सके, जिससे हमारे किसान आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें। डिजीक्लेम मॉड्यूल की शुरुआत के साथ, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और हरियाणा राज्यों में बीमाकृत किसानों को 23 मार्च, 2023 को कुल 1260.35 करोड़ रुपये के बीमा दावों का वितरण एक बटन के क्लिक के साथ किया गया है और जब कभी दावे जारी किए जाएंगे, यह प्रक्रिया जारी रहेगी।
वर्तमान प्रणाली में, विभिन्न कारकों के कारण बीमित किसानों के दावों में देरी होने के कई उदाहरण सामने आए हैं। किसानों के कल्याण का संज्ञान लेते हुए और वैध फसल हानि दावों की दावा वितरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय डिजीक्लेम मॉड्यूल लाया है। इसके साथ, अब किसानों के दावों को पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से सीधे उनके संबंधित बैंक खातों में परिवर्तित किया जाएगा। इस तकनीक को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (एनसीआईपी) और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के एकीकरण के माध्यम से सक्षम किया गया है। (PM Fasal Bima Yojana)
यह सीधे क्लेम रिवर्सल रेशियो को प्रभावित करेगा, जो डिजीक्लेम के साथ नीचे जाने की उम्मीद है। इस डिजिटल प्रगति की एक और उल्लेखनीय विशेषता यह है कि किसान वास्तविक समय में अपने मोबाइल फोन पर दावा निपटान प्रक्रिया को ट्रैक करने और योजना का लाभ उठाने में सक्षम होंगे।
- Also Read: Gangavtaran Abhiyan 2023 : सार्थक पहल… पहाड़ी पर एक सैकड़ा खंतियां खोदकर मनाया विश्व जल दिवस
केन्द्रीय मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि अब तक पीएमएफबीवाई (PM Fasal Bima Yojana) के तहत बीमित किसानों को 1.32 लाख करोड़ रुपये की दावा राशि वितरित की जा चुकी है। उन्होंने वर्तमान अभियान मेरी नीति, मेरे हाथ पर भी विशेष ध्यान दिया और महसूस किया कि अभियान जमीनी स्तर पर पीएमएफबीवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण रहा है।
इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार योजना से बाहर हुए सभी राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है और उनके वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की गई है, जिसमें से आंध्र प्रदेश और पंजाब योजना में वापसी कर रहे हैं, जो सहकारी संघवाद का एक चमकता उदाहरण है। पीएमएफबीवाई में फिर से शामिल होने के लिए तेलंगाना, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड की सरकारों से भी संपर्क किया गया है और कई दौर की बातचीत हुई है। इन राज्यों में से तेलंगाना और झारखंड ने पीएमएफबीवाई के तहत वापस आने की इच्छा व्यक्त की है।
तेजी से नवाचारों के युग में, डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी दुरूस्त कृषि के साथ पीएमएफबीवाई की पहुंच और संचालन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में, उपज अनुमान और फसल हानि आकलन की प्रक्रिया को अधिक सटीक बनाने के लिए योजना के साथ विभिन्न नवीन तकनीकों जैसे यस-टेक, विंड्स और क्रॉपिक का संचालन तथा एकीकरण किया गया है। इसके अलावा, किसानों की शिकायतों के समय पर निपटान के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में पहले चरण में किसान शिकायत पोर्टल शुरू किया गया है, जिसे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और दूसरे चरण में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।