Pesa Act in MP: जमीन पर बैठे कलेक्टर-एसपी और अपनेपन के साथ दी ग्रामीणों को पेसा एक्ट की जानकारी

Pesa Act in MP: पेसा एक्ट के प्रावधानों से ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए 26 नवंबर से 2 दिसंबर के बीच मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के 6 अधिसूचित विकासखंडों के 750 ग्रामों में ग्राम सभाओं का आयोजन किया जा रहा है। इसके पहले दिन आज 26 नवंबर को 245 ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित की गईं।

कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस (IAS Amanbir Singh Bains) एवं पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद (IPS Simala Prasad) ने जिला मुख्यालय से दूरस्थ ग्राम उत्ती विकासखंड भीमपुर में आयोजित ग्राम सभा में भाग लिया एवं ग्रामीणों को पेसा एक्ट के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। खास बात यह रही कि इस ग्राम सभा में कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि कुर्सी पर नहीं बैठे।

मौके पर वैसे तो किसी भी सरकारी आयोजन की तरह सभी व्यवस्थाएं की गई थीं। जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और अतिथियों के लिए बैठने के लिए कुर्सियां लगी थी, सामने टेबल रखे थे, पंडाल लगा था। इन सबके बावजूद कलेक्टर-एसपी समेत कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि कुर्सियों पर नहीं बैठे। कलेक्टर-एसपी भी जमीन पर ही बैठे और सभी ग्रामीणों को अपनेपन के माहौल में पेसा एक्ट की जानकारी दी।

ग्राम सभा में कलेक्टर श्री बैंस ने बताया कि पेसा एक्ट के नियमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ग्राम के अधिक से अधिक ग्रामीणों की सहभागिता महत्वपूर्ण है। सभी ग्रामीण ग्राम सभा में सक्रिय सहभागी बन अपने गांव के विकास की रूपरेखा तैयार करें। एक्ट के प्रावधानों के तहत गांव की समस्या का गांव में ही निराकरण हो सकेगा।

Pesa Act in MP: जमीन पर बैठे कलेक्टर-एसपी और अपनेपन के साथ दी ग्रामीणों को पेसा एक्ट की जानकारी

ग्राम सभा के बताए गए सभी अधिकार| Pesa Act in MP

उन्होंने बताया कि लघु वनोपजों, तेंदूपत्ता संग्रहण और विपणन के अधिकार भी अधिनियम के तहत दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पेसा अधिनियम ने तहत राजस्व अभिलेखों की त्रुटियों के सुधार की अनुशंसा का अधिकार ग्राम सभा का होगा। भू-अर्जन, खनिज सर्वे, पट्टा और नीलामी के लिए भी ग्राम सभा की सहमति और अनुशंसा जरूरी होगी।

मजदूर ले जाने की भी देना होगा जानकारी | Pesa Act in MP

उन्होंने सरल उदाहरण देते हुए ग्राम सभा को तालाबों के प्रबंधन, आपसी छोटे विवादों के निराकरण के संबंध में प्राप्त अधिकारों की जानकारी दी। यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गांव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी, जिनकी जानकारी रजिस्टर में संधारित की जाएगी। गांव से पलायन और मजदूरों के शोषण को रोकने का अधिकार भी ग्राम सभा के पास होगा। मनरेगा के माध्यम से कब और कौन सा कार्य कराया जाना है यह सब ग्राम सभा ही प्रस्ताव बनाएगी।

छोटे आपसी विवादों को सुलझा सकेगी | Pesa Act in MP

पुलिस अधीक्षक सुश्री प्रसाद ने बताया कि पेसा एक्ट से मिले अधिकारों के तहत अब छोटे आपसी विवादों को सुलझाने का अधिकार ग्राम सभा का होगा। नियत संख्या में महिला सदस्यों के साथ गठित शांति एवं विवाद निवारण समिति परंपरागत तरीके से विवाद निपटारा करने में सक्षम होगी। गंभीर प्रकृति के अपराधों में भी एफआईआर होने पर सूचना ग्राम सभा को दी जाएगी।

लाइसेंस होने पर ही दे सकेंगे उधार

उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर राशि उधार दे सकेंगे, इसकी जानकारी भी ग्रामसभा को देना होगी। साहूकार द्वारा अधिक ब्याज नहीं लिया जाएगा, अधिक ब्याज लेने पर संबंधित पर कार्रवाई की जायेगी।ग्राम सभा में पेसा एक्ट के अन्य प्रावधानों की जानकारी भी विस्तार से दी गई।

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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