Parasdoh Dam Betul : बैतूल। जिले की पारसडोह मध्यम उद्वहन सिंचाई परियोजना किसानों के लिए वरदान की जगह अभिशाप साबित हो रही है। योजना से 45 ग्रामों के 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित तो की गई, लेकिन पूर्ण एवं व्यवस्थित सिंचाई नहीं हो पा रही है।
पाइपलाइन निर्धारित गहराई में नहीं गाड़ी है। जिससे खेत की जुताई में पाइप लाइन जगह-जगह फूट जाती है। इसी से बिना सूचना के मोटर पंप चालू कर पानी छोड़ दिया जाता है। जिससे सिंचाई नहीं होकर किसानों को नुकसान हो रहा है।
सोमवार को 45 गांवों के सैकड़ो किसानों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।किसान नेता मकरध्वज सूर्यवंशी, देवीराम बनखेडे, जनपद उपाध्यक्ष पट्टन चिंताराम हरोडे, सन्तोष बनखेडे, विनोद धोटे, रमेश नरवरे, मनीषा हर्षवर्धन के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट पहुंचे नाराज किसानों ने पानी सुचारु रूप से नहीं देने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है। (Parasdoh Dam Betul)
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किसानों ने सिंचाई व्यवस्था का निरीक्षण कर पाइप लाइन की गहराई, प्रेशर, स्प्रिंकलर से सिंचाई का निरीक्षण कर दोषी ठेकेदार एवं अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की। (Parasdoh Dam Betul)
कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने बताया कि खेतों में सिंचाई की जगह पानी नदी नालों में व्यर्थ बह रहा है, जिससे शासन को लगभग 4 करोड़ बिजली बिल का भार प्रतिवर्ष आ रहा है, जिससे यह योजना घाटे का सौदा साबित हो रही है और बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। (Parasdoh Dam Betul)
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शासन के नियम अनुसार किसी भी ग्राम में पारसडोह सिंचाई प्रणाली से विगत 5 वर्षों में गेहूं की फसल को पलेवा तीन पानी देकर नहीं पकाया गया है। जिससे अन्नदाता एवं शासन को नुकसान हो रहा है। इतना होते हुए भी विभाग एवं ठेकेदार की मिली भगत से शासन एवं मीडिया को विगत 5 वर्षों में 20 हजार हेक्टेयर में सिंचाई होना बताया गया एवं योजना से सिंचाई दी गई है यह आरोप लगाकर कृषकों को झूठे सिंचाई बिल प्रदाय किए गए। (Parasdoh Dam Betul)
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इतने बड़े कमांड क्षेत्र में महज 10 कर्मचारी (Parasdoh Dam Betul)
गौरतलब है कि विभाग और ठेकेदार के एग्रीमेंट के अनुसार इतनी बड़ी परियोजना की व्यवस्था के लिए जितने अधिकारी, कर्मचारी एवं कार्यकर्ता शासन से प्रस्तावित है, उनकी पूर्ण रूप से नियुक्ति नहीं की गई है। जो नियुक्त है वह भी काम नहीं कर रहे हैं। (Parasdoh Dam Betul)
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किसानों के अनुसार इतने बड़े कमांड क्षेत्र में कम से कम 100 लोगों ने काम करना चाहिए था, लेकिन किसानों का दुर्भाग्य है कि इतनी बड़ी कमांड क्षेत्र में 8 से 10 कर्मचारी ही काम कर रहे हैं, जिससे पूरे 45 ग्रामों के 20 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि क्षेत्र में अव्यवस्था बनी हुई है। (Parasdoh Dam Betul)
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फसल सूखने की कगार पर है। इस योजना से 45 गांवों में 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रस्तावित तो की गई लेकिन पूर्ण एवं व्यवस्थित सिंचाई नहीं हो पा रही है। पारसडोह जलाशय में भरपूर मात्रा में जल संग्रहित है, क्षेत्र में पाइप लाइन बिछी हुई है। (Parasdoh Dam Betul)
शासन ने व्यवस्था के लिए पैसे उपलब्ध करा रखे हैं, लेकिन विभाग एवं ठेकेदार के कुप्रबंधन एवं अक्षमता के कारण 45 गांवों में कहीं भी सिंचाई व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित नहीं है, जिससे 2 अरब 25 करोड़ रुपए का क्षेत्र एवं जिले को नुकसान होगा। शिकायतों का नहीं हो रहा निराकरणकिसानों का कहना है कि पारसडोह सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का निराकरण ठेकेदार या विभाग के अधिकारियों के द्वारा नहीं किया जा रहा है। (Parasdoh Dam Betul)
यहां तक कि जनसुनवाई में आवेदन देने के बावजूद निराकरण नहीं किया गया। सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से भी समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है। उक्त योजना की समीक्षा कर यदि अव्यवस्था दूर नहीं की गई तो 45 गांवों के 20 हजार हेक्टेयर से लाभान्वित होने वाले कृषकों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। (Parasdoh Dam Betul)
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बुवाई को लेकर जारी की थी अधिसूचना (Parasdoh Dam Betul)
किसानों ने बताया 30 सितंबर के आसपास मीडिया के माध्यम से पारसडोह जलाशय से बुवाई को लेकर अधिसूचना जारी हुई थी। जिला जल उपयोगिता समिति के प्रस्ताव अनुसार पारसडोह सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से 45 गांवों के 20 हजार हेक्टेयर भूमि को पानी देना प्रस्तावित किया गया था। (Parasdoh Dam Betul)
इस पर विश्वास करके बुवाई के समय मावठा गिरने से सिंचाई प्राप्त करने की प्रत्याशा में बुवाई कर दी गई। पारसडोह सिंचाई प्रणाली से कमांड के सभी कृषक पानी चाह रहे हैं। कमांड क्षेत्र के सभी किसानों ने गेहूं की फसल लगा दी है और अब किसानों की फसल बिना पानी के सूख रही है। (Parasdoh Dam Betul)
यदि पानी की समस्याओं को लेकर ठेकेदार के अधिकारी कर्मचारी से बात करते हैं तो कहा जाता है कि हमारी योजना की टेस्टिंग चल रही है और हमने फसल बोने के लिए नहीं कहा था। हमारी पानी देने की जिम्मेदारी नहीं है। (Parasdoh Dam Betul)
किसानों ने सवाल उठाए कि यदि योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ और टेस्टिंग ही चल रही है तो बुवाई के लिए अधिसूचना क्यों जारी की गई और किसानों को सिंचाई के बिल क्यों प्रदान किए गए। अधिसूचना और सिंचाई बिल दोनों तत्काल निरस्त किया जाना चाहिए। (Parasdoh Dam Betul)
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