Pandit Pradeep Mishra Ji Katha Live Today : मध्यप्रदेश के बैतूल में पंडित प्रदीप मिश्रा जी की मां ताप्ती शिवपुराण कथा चल रही है। आज गुरुवार को कथा का पांचवा दिन है। दोपहर के एक बज चुके हैं और उनकी कथा शुरू हो गई है। आप यहां नीचे दी गई वीडियो स्क्रीन पर क्लिक करके पंडित मिश्रा जी की कथा को लाइव देख और सुन सकते हैं।
कल रात को पांडाल के सिलिंग में बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग जैसी आकृति प्रकट होने के बाद से ही रातभर कथा स्थल पर भजन कीर्तन चलते रहे। स्थल पर शिवलिंग दिखने की जानकारी भक्त रात में पांडाल पहुंचने लगे। आज सुबह होते ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा स्थल पर पहुंचे। कल बारिश के कारण घरों में रहकर ही टीवी और मोबाइल पर कथा का श्रवण करने की अपील की गई थी, लेकिन भक्तों ने एक नहीं मानी और वे बड़ी तादात में कथास्थल पहुंचे और भक्ति में लीन होकर कथा का श्रवण किया। बैतूल के लोगों में भक्ति की ऐसी भावना देख पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी सभी बैतूलवासियों का तारीफ की। आयोजन समिति जो कि हर स्थिति को हुए है, बैतूल अपडेट उनका आभार व्यक्त करता है। (Pandit Pradeep Mishra JI Katha Live Today)
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पं. प्रदीप मिश्रा ने किया आह्वान, कहा- मां ताप्ती की तरह बने बेटियां, न झुकने दें पिता का सिर, लोगों की छलक उठीं आंखें
Pradeep Mishra ji katha: मेरा बैतूल की बेटियों से एक ही आग्रह है कि वे मां ताप्ती की तरह बने और कभी अपने पिता का सिर न झुकने दें। राजा सवर्ण से विवाह का प्रस्ताव मिलने पर मां ताप्ती ने कहा था कि यदि मेरे पिता चाहेंगे तो उनकी अनुमति से ही मैं आपसे विवाह करूंगी। उसी तरह आप भी बिना किसी के छलावे और बहकावे में आए बगैर केवल और केवल अपने पिता की मर्जी से ही विवाह करें।
मध्यप्रदेश के बैतूल स्थित शिवधाम कोसमी में चल रही मां ताप्ती शिवपुराण कथा के चौथे दिन यह आह्वान विश्व विख्यात कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने किया। मां ताप्ती शिवपुराण समिति के तत्वावधान में चल रही इस कथा में रात को भारी बारिश होने और कथा स्थल पर कीचड़ होने के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और एक और रिकॉर्ड बनाया।
धर्मांतरण पर बेटियों को किया सचेत
पं. मिश्रा ने बेटियों से कहा कि वे मां ताप्ती जैसा तप स्वयं में रखें और खुद किसी के धर्म में जाने के बजाय किसी के द्वारा ऐसी कोशिश करने पर उसे अपने धर्म में लाने की ताकत रखें। मां ताप्ती ने भी स्वयं कोई परीक्षा नहीं दी और न तप किया बल्कि राजा सवर्ण को उन्हें पाने के लिए तप करना पड़ा, परीक्षा देनी पड़ी। उन्होंने आगे कहा कि अपने घर में रूखी-सूखी जैसी भी रोटी मिले, उसे खाकर गुजारा करो पर दूसरों के घर जाकर उनकी जूठन मत खाओं। दूसरे धर्म में आने के लिए पहले खूब प्रलोभन मिलेंगे, कुछ दिन खूब खातिरदारी होगी, लेकिन फिर कोई नहीं पूछेगा। इसलिए बेटियां इसे लेकर खास तौर से सचेत रहे। (Pandit Pradeep Mishra JI Katha Live Today)
हर व्यक्ति की आंखों में आ गए आंसू
पं. मिश्रा ने आज बेटी और पिता को लेकर एक बेहद भावुक प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि बेटी जिस दिन से जन्म लेती है, उसी दिन से पिता उसके विवाह के लिए जोडऩा शुरू कर देते हैं। हैसियत न होने के बावजूद बेटी की हर इच्छा पूरी करते हैं। बेटी का कन्यादान उनकी सबसे बड़ी तमन्ना होती है। बेटी का जब विवाह होता है तो वे उसके सामने तक नहीं आ पाते और यहां-वहां छिप कर रोते रहते हैं। ऐसे में यदि बेटी उनकी मर्जी के बगैर अपनी मनमर्जी से विवाह कर लें तो उन्हें कितना दुख होगा, वे किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं रह जाते हैं। (Pandit Pradeep Mishra JI Katha Live Today)
पिता के रहते राजकुमारी रहती हैं बेटियां
पिता के रहते तक बेटी दुनिया की सबसे खुशनसीब राजकुमारी रहती है। पिता दुनिया की सबसे बड़ी दौलत होते हैं। इसलिए हमेशा उनका सम्मान करें। इस प्रसंग के दौरान न केवल बेटियां बल्कि महिलाएं और पुरूष श्रद्धालुओं तक की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने यह सलाह भी दी कि हर दिन बाहर से आने पर बेटा हो या बेटी, अपने पिता के पास कुछ समय जरुर बैठे और अपने मन की बात उनसे करें।
स्कूलों के कान्वेंट कल्चर पर किया प्रहार
कथा के चौथे दिन पं. मिश्रा ने स्कूलों के कान्वेंट कल्चर पर भी तगड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कितनी बड़ी विडम्बना है कि भारत देश के स्कूल-कॉलेजों में यदि कोई बच्चा तिलक लगाकर और हाथ में धागा बांधकर चला जाए तो उसे स्कूल से बाहर कर दिया जाता है। उसे अंग्रेजी संस्कृति और संस्कार सिखाए जाते हैं। यदि वे ऐसा कर सकते हैं तो हम अपने घर-परिवार में गायत्री मंत्र सिखाएं, श्री शिवाय नमोस्तुभयं सिखाएं, श्री हनुमान चालीसा सिखाएं, भगवत भजन का महत्व बताएं, गौशाला ले जाएं। हमें संस्कार सिखाना होगा। बिना संस्कार के व्यक्ति का कोई महत्व नहीं रह जाता है। यही नहीं हम भी बच्चों से बात करते समय पोयम नहीं बल्कि मंत्र पूछे, भगवत भजन का महत्व पूछे।
ताप्ती-यमुना में स्नान का महत्व बताया
आज पं. मिश्रा ने मां ताप्ती के भद्रकाली से मां ताप्ती बनने की कथा सुनाते हुए यमुना नदी में यम द्वितीया और मां ताप्ती में कार्तिक पूर्णिमा पर भाई-बहन के स्नान का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले भाई-बहन 7 जन्म तक सुखी रहते हैं। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से भी आह्वान किया कि वे सभी भी ताप्ती स्नान का महत्व समझे और कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान जरुर करें। इसके साथ ही उन्होंने थारो निर्मल-निर्मल पानी, ओ ताप्ती महारानी… भजन भी सुनाया। यह भजन शुरू होते ही मौजूद सभी श्रद्धालु झूम उठे।(Pradeep Mishra ji katha)
इस मंत्र के जाप से तर जाता है मानव
उन्होंने श्री शिवाय नमोस्तुभयं मंत्र के जाप का महत्व बताते हुए कहा कि यह मंत्र शिव महापुराण का बेहद प्रभावी मंत्र है। इसके जाप से मानव तर जाता है। इसे कभी भी जपा जा सकता है, बस मन शुद्ध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम खरीदी के लिए जाते समय जानकार व्यक्ति को ले जाते हैं, उसी तरह भक्त भी सोचते हैं कि जो शंकर जी को अच्छी तरह जानता है, वह ही उन तक पहुंचने की सही राह बताएगा। उन्होंने कहा कि देवाधिदेव जैसा वात्सल्य, भोलापन और करूणा किसी में नहीं है। सभी देवों ने अमृत पान किया, लेकिन महादेव के हिस्से में विष आया। उन्होंने यह पी भी लिया। इसके बावजूद वे वात्सल्य से भरपूर हैं। परिवार में सबसे ज्यादा विष महिलाओं को पीना पड़ता है।
नहीं माने श्रद्धालु, बड़ी संख्या में पहुंचे
रात से लेकर सुबह तक बारिश होने से कथा स्थल एक बार फिर कीचड़ से सराबोर होकर दलदल बन गया था। सुबह से ही आयोजन समिति ने इसे दुरूस्त करने के प्रयास किए। कुछ व्यवस्थाएं हुई भी, लेकिन पूरा कथा स्थल ठीक नहीं हो पाया। इसके चलते श्रद्धालुओं से अपील की गई थी कि वे घर पर ही मोबाइल-टीवी पर कथा सुने। इसके बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे। स्थिति यह थी कि डोम और पंडाल के बाहर भी श्रद्धालु बैठे थे। कई श्रद्धालु तो कीचड़ तक में बैठे थे और कथा श्रवण की। उनकी अटूट आस्था की स्वयं व्यास पीठ से पं. मिश्रा ने भी प्रशंसा की।(Pandit Pradeep Mishra JI Katha Live Today)
भोले-पार्वती संग आए भगवान श्री गणेश
कथा की समाप्ति पर गुरुवार को भगवान महादेव और पार्वती जी के साथ भगवान श्री गणेश की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की गई। इसके बाद विधायक भैंसदेही धरमूसिंह सिरसाम, चिंतक-विचारक मोहन नागर, आठनेर जनपद पंचायत अध्यक्ष रोशनी इवने, पूर्व विधायक शिवप्रसाद राठौर, धर्मेंद्र मालवीय, पप्पू शिवहरे, साधना स्थापक, अतीत पंवार द्वारा चौथे दिन की आरती की गई।
सेवाभावी युवाओं की रंग लाई मेहनत
आज सुबह हुई बारिश के कारण पूरा कथा स्थल दलदल में तब्दील हो चुका था। सबसे बड़ी बात यह थी कि इसे व्यवस्थित करने के लिए पर्याप्त समय भी नहीं था। इसके बावजूद मौके पर मौजूद सेवाभावी युवा बिना कोई देर किए सुधार में जुट गए। उनकी जीवटता और सतत परिश्रम का ही नतीजा था कि कुछ ही घंटों में काफी हद तक सुधार हो गया और श्रद्धालु कथा सुन सके। शुगर मिल संचालक ने भी इसके लिए उदारता के साथ सामग्री मुहैया कराई। समिति द्वारा उनका भी आभार माना गया है।
विश्वकर्मा बढ़ई समाज जुटा है सेवा में
सेवा में अग्रणी विश्वकर्मा बढ़ई समाज कथा स्थल पर लगातार 4 दिनों से भोजन सेवा कर रहा है। समाज के महिला मंडल की अध्यक्ष अर्चना मालवी और सचिव ममता विवेक मालवी द्वारा बताया गया कि बिना स्वार्थ के सेवा करते हुए कथा सुन रहे हैं। यह सबसे बड़ा पुण्य का काम है। समय से श्रद्धालुओं को भोजन मिल जाएं, हमारा यही प्रयास रहता है।
असमय बारिश होने से कीचड़ में भी हजारों श्रद्धालुओं को व्यवस्थित भोजन करवाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। कथा प्रारंम्भ होने के पहले आयोजन समिति द्वारा हमारे समाज के सदस्यों को भोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, जो हम बखूबी निभा रहे हैं। जिले के समस्त सामजिक संगठन भी भरपूर सहयोग दे रहे हैं। यह हमारे बैतूल वासियों के लिए बड़े सौभाग्य की बात है।
पूर्व सांसद और विधायक श्रद्धालुओं को परोसा चाय-नाश्ता| Pandit Pradeep Mishra Ji Katha Live Today
शिवपुराण कथा सुनने आ रहे श्रद्धालुओं के लिए श्रीराम सेवा समिति द्वारा पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल के मार्गदर्शन में चाय-नाश्ते की व्यवस्था की जा रही है। सुबह लगभग 7.30 बजे से प्रारंभ चाय-नाश्ता देर रात तक श्रद्धालुओं को वितरित किया जा रहा है। गुरूवार को पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल, विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, जिपं अध्यक्ष राजा पंवार ने भी श्रद्धालुओं को चाय, नाश्ता वितरित किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर जिपं. उपाध्यक्ष हंसराज धुर्वे, भाजपा मंडल अध्यक्ष विकास मिश्रा, विक्रम वैद्य, नीतू पटेल, पूर्व जिपं उपाध्यक्ष नरेश फाटे, मधु पाटनकर, कैलाश धोटे, गीतेश बारस्कर, पवन यादव, राजा सूर्यवंशी, आदित्य कुशवाह, वरूण धोटे, रीतेश राठौर, मयंक मालवीय, पंकज फरतोड़े, अमरीश सिंह कुशवाह, मिक्की ठाकरे, मुस्तफा सहित बड़ी संख्या में समिति सदस्य उपस्थित थे।