Chunav Ka Bahishkar : अब यहां के ग्रामीणों ने किया चुनाव के बहिष्कार का ऐलान, पुल नहीं बनने से हैं खफा

Chunav Ka Bahishkar : बैतूल। जिले के दूरदराज के ग्रामीण अंचल तो दूर जिला मुख्यालय के आसपास ही अब तक पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं हो सकी है। यही कारण है कि कहीं लोग जलसंकट से परेशान होकर तो कहीं सड़क-पुल नहीं बनने से खफा होकर चुनाव के बहिष्कार का ऐलान कर रहे हैं।

इसी कड़ी में अब माचना नदी पर पुल नहीं बनने से नाराज काजी जामठी और जैतापुर के ग्रामीणों ने चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण कई सालों से नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है। इसी से नाराज ग्रामीणों ने अब लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

नदी पर लगाया यह बैनर (Chunav Ka Bahishkar)

गुरूवार को ग्रामीणों ने नदी पर पहुंचकर यहां पुल नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगा दिया है। वे लंबे समय से नदी पर पुल की मांग कर रहे है। यह क्षेत्र ग्राम पंचायत बरसाली और सोहागपुर में आता है। बताया जा रहा है की काजी जामठी जैतापुर मार्ग के बीच माचना नदी पर पुलिया नहीं बनने से ग्रामीण नाराज है।

सोहागपुर ले जाते हैं गन्ना (Chunav Ka Bahishkar)

ग्रामीण दीपक के मुताबिक काजी जामठी-जैतापुर मार्ग पर माचना नदी के ऊपर वर्षों से पुलिया नहीं बनने से ग्रामीण काफी नाराज हैं। इस मार्ग से ही क्षेत्र के समस्त किसान अपनी उपज व गन्ना सोहागपुर ले जाते हैं। साथ ही बारिश में नदी में पानी का बहाव तेज होने के कारण स्कूली छात्रों और ग्रामीणों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

लगा चुके कई बार गुहार (Chunav Ka Bahishkar)

ग्रामीण पिछले कई वर्षों से समस्त जनप्रतिनिधियों को मौके पर लाकर भी पुल निर्माण के लिए गुहार लगा चुके हैं पर उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। इसलिए इस बार ग्रामीणों ने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया है।

मात्र 10 किमी. है दूर (Chunav Ka Bahishkar)

बता दें कि इसी मार्ग से काजी जामठी, बरसाली, लाखापुर के किसानों का गन्ना सोहागपुर शुगर मिल को जाता है। यह बैतूल जिला मुख्यालय से महज 10 किमी दूर है। बारिश के दिनों में यहां माचना में पानी आ जाने से जैतापुर व अन्य ग्रामों का आवागमन बंद हो जाता है।

चंदा करके करते व्यवस्था (Chunav Ka Bahishkar)

इससे जैतापुर ग्राम के 600 की आबादी और बागदा के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सामान्य दिनों में ग्रामीण यहां एक-दूसरे से चंदा कर नदी से गुजरने वाले स्थान पर पाइप डालकर जेसीबी की मदद से इसे आवागमन लायक बना देते हैं।

बारिश में बंद आवाजाही (Chunav Ka Bahishkar)

जैसे ही बारिश आती है, पाइप निकाल लिए जाते है। ऐसे में आवागमन बंद हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि गांव में घूमकर वोट मांगते है, लेकिन ग्रामीणों की समस्या का समाधान नहीं करते हैं जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है।

देश-दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | Trending खबरों के लिए जुड़े रहे betulupdate.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए सर्च करें betulupdate.com

उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

For Feedback - feedback@example.com

Related News

Leave a Comment