▪️ अंकित सूर्यवंशी, आमला
notice on financial fraud: गांव के विकास के लिए शासन से आने वाली राशि की पंचायतों के जिम्मेदार जमकर बंदरबांट कर डालते हैं। यही कारण है कि छोटी-छोटी पंचायतों में भी बड़े-बड़े घपले सामने आते हैं। ऐसे ही एक मामले में अब आमला ब्लॉक की उमरिया ग्राम पंचायत में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। इसे देखते हुए अपर कलेक्टर (विकास) एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बैतूल ( Additional Collector (Development) and Chief Executive Officer, District Panchayat Betul) ने नोटिस जारी किए हैं।
यह नोटिस तीमा पहाड़े, सरपंच / प्रधान प्रशासकीय समिति ग्राम पंचायत उमरिया, देवाजी भुमरकर, प्रभारी ग्राम पंचायत सचिव उमरिया, किशनसिंह परमार ग्राम रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत सचिव उमरिया और कल्पना गायधने, उपयंत्री जनपद पंचायत आमला को जारी किए हैं।
यह नोटिस मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 (Section 89 of MP Panchayat Raj and Village Swaraj Act 1993) के अंतर्गत जाँच में प्राप्त वित्तीय अनियमितता की वसूली के निर्धारण (आरआरसी) की कार्यवाही को लेकर जारी किए गए हैं। जारी नोटिस में कहा गया है कि ग्राम पंचायत उमरिया में एजेन्सी ग्राम पंचायत एवं उपयंत्री द्वारा की गई वित्तीय अनियमितता की प्राप्त शिकायत के संदर्भ में जिला स्तर पर 3 सदस्यीय जाँच दल द्वारा प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन अनुसार ग्राम पंचायत उमरिया के कार्यों में आपके द्वारा वित्तीय अनियमितता की जाना पाया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जाँच में कुल 13 आवास अपूर्ण पाये गये हैं। ग्रामीणों द्वारा अपूर्ण आवास पूर्ण दर्शाने हेतु ग्राम रोजगार सहायक को पूर्ण रूप से दोषी बताया गया है। 13 हितग्राहियों में अधिकांश आवास अपूर्ण होने पर तथा आवास निर्मित ही नहीं होने पर ग्राम रोजगार सहायक श्री परमार द्वारा आवास की पूर्ण स्थिति में जिओटेंग कर सम्पूर्ण राशि का भुगतान कर आवास पूर्ण बताये जाने हेतु पूर्ण रूप से दोषी पाया गया है।
इस प्रकार 13 अपूर्ण आवासों की वित्तीय अनियमितता के तहत् प्रति आवास राशि 60,000 रुपए (साठ हजार) के मान से कुल राशि रुपए 7,80,000- (अंकन रुपए सात लाख अस्सी हजार) श्री परमार ग्राम रोजगार सहायक से वसूल किये जाने योग्य है।
- यह भी पढ़ें: शिक्षक शराब पीकर आता है स्कूल, शिक्षिका नियमित रूप से नहीं आती विद्यालय, शिकायत पर तीन टीचर सस्पेंड
ग्राम पंचायत उमरिया की जाँच के दौरान शिकायतकर्ता के समक्ष में जांच के सदस्य कमलेश साहू उपयंत्री जनपद पंचायत बैतूल द्वारा अमृत सरोवर अंतर्गत तालाब निर्माण (pond construction under amrit sarovar) का स्थल निरीक्षण किया जाकर फोटोग्राफ्स मोबाईल से प्राप्त किये गये हैं। जाँच में स्पष्ट हुआ है कि तालाब की बंड तल (फिल्टर) से लगातार रिसाव हो रहा है। जो कि अधिक मात्रा में है। जिससे भविष्य में अमृत सरोवर क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाती है। अमृत सरोवर में भराव क्षमता भी प्रतिदिन कम हो रही है। कुछ ही दिनों में तालाब का सम्पूर्ण पानी खाली हो जावेगा।
उक्त स्थिति से स्पष्ट है कि तालाब निर्माण कार्य में तकनीकी खामिया पाई गई है। जिसके कारण तालाब के पानी की निकासी अत्यधिक हो रही है। इस आधार पर शिकायत पूर्णरूप से सही पाई गई है। इस प्रकार अमृत सरोवर को अनुपयोगी मान्य करते हुए व्यय की गई संपूर्ण राशि रुपए 6,08,000/- (छः लाख आठ हजार) तत्कालीन सरपंच / प्रधान, ग्राम रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत सचिव एवं उपयंत्री जनपद पंचायत आमला को दोषी माना गय है।
उक्तानुसार अनुपयोगी व्यय की गई राशि बराबर-बराबर समानुपातिक रुप से वसूली योग्य है। जाँच में सहायक सचिव श्री परमार द्वारा श्री राठौड को ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्य में भेंट का कार्य करने के अतिरिक्त कार्य करने पर राशि रूपए 10,000- का भुगतान किया गया है। राशि रूपए 10,000 श्री परमार से वसूली योग्य पाई गई है।
- यह भी पढ़ें: BJP leader imprisoned : पूर्व जिपं सदस्य तपन विश्वास हित 15 को 5-5 साल की सजा, पंचायत सचिव पर हमले के मामले में फैसला
जाँच प्रतिवेदन अनुसार ग्राम पंचायत उमरिया के कार्यों में आपके द्वारा कुल राशि रुपए 13,98,000 (तेरह लाख अन्ठान्वे हजार रुपए) की वित्तीय अनियमितता की जाना प्रथम दृष्टया पाया गया है। इस प्रकार आपके द्वारा ग्राम पंचायत उमरिया के कार्यों में कुल राशि रूपए 13,98,000/- (तेरह लाख अन्ठान्वे हजार) की वित्तीय अनियमितता की जाना पाये जाने पर धारा 89 में वसूली निर्धारण (आरआरसी) की कार्यवाही के तहत् प्राप्त प्रतिवेदन में आप दोषी पाये गये हैं।
आपके द्वारा शासकीय धनराशि का दुरुपयोग कर वित्तीय अनियमितता की गई है। उक्त राशि आपसे वसूली योग्य है। क्यों ना आपके उक्त कृत्य के लिए मप्र पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत् वसूली निर्धारण (आरआरसी) की कार्यवाही की जावे? इस प्रकरण में 08 सितंबर 2022 को पेशी नियत की गई है। पेशी में उक्त वित्तीय अनियमितता के संबंध में अपना लिखित जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है। जबाव प्रस्तुत न करने एवं अनुपस्थित रहने की दशा में एकपक्षीय कार्यवाही की जावेगी।