Nisha Bangre Betul : डिप्टी कलेक्टर की सक्रियता पर शासन ने तरेरी आंखें, सर्व धर्म सम्मेलन में उपस्थिति की नहीं दी अनुमति
Nisha Bangre Betul: On the activism of the deputy collector, the government did not give permission to attend the Sarva Dharma Sammelan
▪️ अंकित सूर्यवंशी, आमला
Nisha Bangre Betul : मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव को भले ही अभी महीनों बाकी हो, लेकिन बैतूल जिले के आमला विधानसभा क्षेत्र में सियासी पारा काफी समय से चढ़ा हुआ है। इसकी वजह आमला में इसी महीने होने वाला सर्व धर्म सम्मेलन है। इस आयोजन की सूत्रधार डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे हैं। उन्होंने भले ही अभी तक अपनी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा स्पष्ट रूप से व्यक्त नहीं की है, लेकिन इस आयोजन और उसकी तैयारी को उसी रूप में देखा जा रहा है। यही कारण है कि अब शासन ने भी आंखें तरेरना चालू कर दिया है।
इस बात का प्रमाण इससे मिलता है कि आयोजन की सूत्रधार डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को इस आयोजन में उपस्थित होने की अनुमति देने से शासन ने साफतौर से मना कर दिया है। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे द्वारा 25 जून को सर्व धर्म सम्मेलन का आयोजन आमला शहर में किया जा रहा है। इस आयोजन में देश सहित विदेशों से भी मेहमान आने हैं। आयोजन को लेकर स्वयं श्रीमती बांगरे विधानसभा क्षेत्र के एक-एक गांव में घर-घर पहुंचकर न्योता दे रही हैं। इस बीच उनकी तैयारियों पर आज एक बड़ा झटका लगा है। इससे एक माह से चल रही डिप्टी कलेक्टर की तैयारियों पर पानी फिर गया है।
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दरअसल, डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे वर्तमान में मातृत्व अवकाश पर हैं। उनके द्वारा शासन से सर्व धर्म सम्मेलन कार्यक्रम में उपस्थित रहने की अनुमति मांगी गई थी। लेकिन, मातृत्व अवकाश पर होने के चलते शासन ने उनकी अनुमति को निरस्त कर दिया है। यह भी कहा गया है कि वे क्षेत्र में भ्रमण भी नहीं कर सकती हैं।
हालांकि जाहिर तौर पर अभी तक ऐसा कुछ नजर नहीं आया, लेकिन जनचर्चा है कि इस कार्यक्रम के बहाने वे अपनी राजनीति की पारी की शुरूआत करने वाली थीं। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में उनके दौरे से जनता भी यही अनुमान लगा रही थी कि वे अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाली हैं। इस बीच उनके द्वारा प्रदेश के दो कांग्रेसी पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की अपुष्ट खबरों से इस संभावना को बल भी मिला।
हालांकि चुनाव लड़े जाने के संबंध में डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे द्वारा कभी पुष्टि नहीं की गई थी, लेकिन उनके क्षेत्र में भ्रमण से दोनों ही राजनैतिक दलों में खलबली मच गई थी। जनता भी यह बात जानने को आतुर थी कि वे किस राजनैतिक दल से अपनी राजनीती की पारी की शुरुआत करती है। इधर शासन के हालिया आदेश के बाद अब देखना यह है कि वे क्या कदम उठाती हैं।
इस संबंध में तहसीलदार लवीना घाघरे से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि सर्वधर्म सम्मेलन में उपस्थित होने के लिए डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने शासन से अनुमति मांगी थी, जिसे सचिव, मध्यप्रदेश शासन द्वारा खारिज कर दिया गया है।