NIRMALYA RATH BETUL : बैतूल। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के तहत शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने की दृष्टि से कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने बैतूल जिले के लिए दो नए स्वच्छता वाहनों का शुभारंभ किया। यह वाहन सिर्फ पूजन सामग्री के अवशेषों को संग्रहित करेंगे। इसके बाद इनसे रंग और अगरबत्ती का निर्माण किया जाएगा।
कलेक्टर श्री सूर्यवंशी की इस पहल से आम लोगों की यह दुविधा समाप्त हो गई है कि वे पूजन सामग्री का विसर्जन करें तो कहां करें। पूजन सामग्री को अन्य कचरा के साथ डाल नहीं सकते। जल में विसर्जित करते हैं, तो जल प्रदूषण होता है। ऐसे में यही समस्या थी कि फिर पूजन सामग्री के अवशेष का विसर्जन कैसे और कहां करें।
मंदिरों में रखे जाएंगे पात्र (NIRMALYA RATH BETUL)
मुख्य नगरपालिका अधिकारी ओमपाल सिंह भदौरिया ने आम जनता की इस रोजमर्रा की समस्या से निजात दिलाने योजना तैयार की है। आम के आम गुठलियों के दाम कहावत को चरितार्थ करती इस योजना के तहत शहर के मंदिरों में पूजन सामग्री संग्रहण पात्र रखे जाएंगे। इस हेतु 60 मंदिरों को चिन्हित कर लिया गया है।
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प्रतिदिन पहुंचेंगे यह वाहन (NIRMALYA RATH BETUL)
इन पात्रों में मंदिरों से निकलने वाले पुराने पुष्प, अगरबत्ती की राख एवं अन्य पूजन सामग्री के अवशेष एकत्रित किए जाएंगे। योजना के प्रथम चरण में संग्रहण हेतु दो नए वाहन इस कार्य के लिए सेवारत हैं। यह वाहन प्रतिदिन आवश्यकता अनुसार मंदिरों में रखे संग्रहण पात्र से सामग्री एकत्रित करेंगे। वाहनों द्वारा इस एकत्रित सामग्री को एक स्थान पर सुरक्षित एकत्रित किया जाएगा।
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राख से बनेगी अगरबत्ती (NIRMALYA RATH BETUL)
जीपीएस युक्त इन वाहनों के लिए रूट चार्ट निर्धारित किया गया है। निश्चित समय पर मंदिर टू मंदिर ये वाहन पूजन सामग्री के अवशेष संग्रहित करेंगे। जहां पर कर्मचारियों द्वारा उसमें से पृथक-पृथक छांट लिया जाएगा। इनमें फूलों को अलग कर सुखा कर रखा जाएगा। इसके साथ ही नारियल की जटाओं को जलाकर अगरबत्ती आदि से निकली हुई राख के साथ मिश्रित कर पृथक से सुरक्षित रखा जाएगा।
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फूलों से बनाए जाएंगे रंग (NIRMALYA RATH BETUL)
सीएमओ श्री भदौरिया ने बताया कि फूलों को सुखाकर इससे प्राकृतिक रंगों का निर्माण कराया जाएगा जो केमिकल युक्त रंगों से परे होने के कारण नुकसानदायक नहीं होंगे। इसके साथ ही नारियल की जटाओं एवं अगरबत्तियों से निकली राख को पुन: अगरबत्ती बनाने के लिए काम में लिया जाएगा। जिससे पूजन सामग्री को ससम्मान विसर्जन भी होगा और पुनर्निमित भी।
धार्मिक भावना नहीं होगी आहत (NIRMALYA RATH BETUL)
इनसे लघु एवं कुटीर उद्योग के रूप में अगरबत्ती एवं रंगों की बिक्री से आय भी होगी। कहां अभी तक पूजन सामग्री के विसर्जन से प्रदूषण एवं धार्मिक भावना आहत हुआ करती थी, वहीं इस योजना के क्रियान्वयन से स-सम्मान पूजन सामग्री का विसर्जन ना कर नए रूप में पुन: निर्माण किया जाएगा, वहीं धार्मिक भावना भी आहत नहीं होगी।
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सम्मान के साथ स्वच्छता मिशन (NIRMALYA RATH BETUL)
इस संबंध में कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने कहा कि पूजन सामग्री के अवशेषों के विसर्जन जलघाट पर होने से जल के प्रदूषण का खतरा बना रहता था। पूजन सामग्री को सामान्य कचरे के साथ एकत्रित करने से जनमानस की धार्मिक भावना आहत न हो इसके लिए प्रथक से गाड़ियों की व्यवस्था की गई है। आमजन अपने घरों के पूजन से निकली सामग्री को मंदिर परिसर में रखे पात्र में रख सकेंगे। जिसका उपयोग नगर पालिका द्वारा किया जाएगा।
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