Nilay Daga VS CM Shivraj: विधायक डागा का आरोप- भाजपा ने सीएम की सभा में भीड़ जुटाने लालच और दबाव का लिया सहारा, बुनियादी समस्याओं की उपेक्षा

Nilay Daga VS CM Shivraj: MLA Daga's allegation- BJP resorted to greed and pressure to gather crowd in CM's meeting, neglecting basic problems

Nilay Daga VS CM Shivraj: विधायक डागा का आरोप- भाजपा ने सीएम की सभा में भीड़ जुटाने लालच और दबाव का लिया सहारा, बुनियादी समस्याओं की उपेक्षा

Nilay Daga VS CM Shivraj (बैतूल)। जिला मुख्यालय पर आयोजित सीएम की सभा आरोपों के घेरे में आ गई है। एक घंटे की सभा के लिए शहर में हुई अव्यवस्था और सैकड़ों वाहनों का अधिग्रहण कर महिलाओं की भीड़ जुटाने के मामले में भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री सवालों के घेरे में है। आरोप यह भी सामने आ रहे हैं कि सीएम की सभा में भीड़ जुटाने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लालच और दबाव का सहारा लिया गया। सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जिले के ग्रामों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम कोटवार, सरपंच, सचिव व ग्रामीण महिलाओं को यह कहकर बुलाया गया कि तुम नहीं जाओगे तो एक हजार नहीं मिलेंगे, राशनकार्ड में से नाम कट जायेगा, राशन नहीं मिलेगा। कार्यक्रम स्थल में खाना बना है अगर हाजरी नहीं लगी तो कोई लाभ नहीं मिलेगा।

भाजपा के इस कृत्य के बाद कांग्रेस विधायक निलय डागा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सत्ता को बचाने और महिला वोट बैंक को साधने के चक्कर में प्रदेश की भाजपा सरकार प्रभावितों की समस्याओं और उनके हकों को लेकर गंभीर नहीं हैं। बेरोजगारी, मूल्य वृद्धि और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर मुख्यमंत्री का ध्यान केंद्रित नहीं है। भाजपा सरकार सत्ता बचाने की कोशिश में वोट बैंक की ओर ध्यान केंद्रित कर रही है। जिला मुख्यालय पर आयोजित सीएम की सभा में भाजपा सरकार का यह कृत्य उजागर हुआ है। सीएम शिवराज सत्ता को बचाने के चक्कर में स्थानीय समस्याओं को ठेंगा दिखा कर चले गए।

हैरानी की बात है कि जिले के बहुप्रतीक्षित मेडिकल कॉलेज, कृषि महाविद्यालय के लिए सीएम ने मंच से कोई घोषणा नहीं की। वहीं पुरानी पेंशन, आउटसोर्सिंग, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, संविदा कर्मचारी, जीआरएस, ग्राम कोटवार, युवा बेरोजगारों की समस्या पर भी वे मौन रहे।

Nilay Daga VS CM Shivraj: विधायक डागा का आरोप- भाजपा ने सीएम की सभा में भीड़ जुटाने लालच और दबाव का लिया सहारा, बुनियादी समस्याओं की उपेक्षा

जनता की जेब पर डाला जा रहा डाका

विधायक श्री डागा ने आरोप लगाया कि 2014 में सत्ता में आने से पूर्व यही भाजपा नेता सदन से लेकर सड़क तक उतर कर महंगाई का विरोध करते थे। तब रसोई गैस की कीमत करीब 400 रुपये, पेट्रोल की कीमत 70 रुपये लीटर हुआ करती थी। तब इन नेताओं को ज्यादा लगता था। आज रसोई गैस 1100 रुपये के पार है। पेट्रोल डीजल 100 रुपये से ज्यादा महंगे बिक रहे हैं। लेकिन इन नेताओं के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। घरेलू रसोई गैस एवं कमर्शियल गैस पर बढ़ोतरी कर आम नागरिकों की जेबों पर डाका डाला जा रहा है। सरकार निशक्तजन पेंशन में भी बढ़ोतरी नहीं कर रही है। केवल और केवल वोट बैंक साधने के लिए भाजपा सरकार जनता को गुमराह कर रही है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार क्यों

विधायक श्री डागा ने कहा कि देश की महिलाओं का भाई होने का दम भरने वाले शिवराज सिंह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। सरकार चुनाव के पहले इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों को बड़े-बड़े सपने दिखाती है, हम ऐसा कर देंगे वैसा कर देगें, लेकिन चुनाव निकलने के साथ ही ये लोग अब अपनी बातों से मुकर रहे हैं। प्रदेश सरकार जहां एक ओर लाडली बहना योजना के जरिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने में लगी हुई है, तो वहीं आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिकाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।

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