मध्यप्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी श्री मुकेश मोदी ने बताया कि राज्य सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के हर पहलू को ज़मीन पर उतारने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य यह है कि भारत के विद्यार्थी तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। बढ़ती जनसंख्या के बीच युवाओं को उनकी शिक्षा, कौशल और रुचि के अनुसार रोज़गार दिलाना एक बड़ी चुनौती है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) पर विशेष जोर दिया है।
केंद्र सरकार को भेजा प्रस्ताव, 700 नए स्कूलों में शुरू होंगे नए ट्रेड
श्री मोदी ने बताया कि स्कूली शिक्षा विभाग ने केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें 700 नए उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आगामी शैक्षणिक सत्र से नए ट्रेड और जॉब रोल्स शुरू करने का अनुरोध किया गया है। यह ट्रेड 21वीं सदी की नई कौशल उन्नयन (Skill Upgradation) पर आधारित होंगे। फिलहाल, प्रदेश के 2383 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही है और इस प्रस्ताव के स्वीकृत होने के बाद यह संख्या 3000 से अधिक हो जाएगी। इसके अंतर्गत एडवांस्ड एग्रीकल्चर, डेयरी डेवलपमेंट, कंस्ट्रक्शन ट्रेड जैसे क्षेत्रों में मिस्त्री सहायक, निर्माण पेंटर, असिस्टेंट डिजाइनर, फैशन, हाउसकीपिंग, ऑफिस एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट जैसे नई नौकरी भूमिकाएं (Job Roles) शुरू की जाएंगी।
वर्तमान में कौन-कौन से कोर्स चल रहे हैं?
वर्तमान में कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों को डाटा एंट्री ऑपरेटर, जूनियर फील्ड टेक्नीशियन, असिस्टेंट ब्यूटी थेरेपिस्ट, रिटेल स्टोर ऑपरेशन असिस्टेंट, प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड, फूड एंड बेवरेज सर्विस असिस्टेंट, माइक्रो फाइनेंस एग्जीक्यूटिव, असिस्टेंट प्लंबर, सिलाई मशीन ऑपरेटर, फोर व्हीलर सर्विस असिस्टेंट, इलेक्ट्रॉनिक सर्विस असिस्टेंट और फिजिकल एजुकेशन असिस्टेंट जैसे प्रमुख कोर्स कराए जा रहे हैं।
कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्रों के लिए जूनियर सॉफ्टवेयर डेवलपर, सोलर पैनल टेक्नीशियन, ड्रोन सर्विस टेक्नीशियन, सीसीटीवी फुटेज ऑपरेटर, फ्लोरीकल्चर (फूलों की खेती) और स्वयं रोजगार दर्जी (Self Employed Tailor) जैसे आधुनिक कोर्स शामिल किए गए हैं।
4 लाख से ज्यादा छात्र ले रहे हैं व्यावसायिक शिक्षा
श्री मोदी ने बताया कि फिलहाल राज्य के 2383 स्कूलों में 4 लाख से अधिक छात्र व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके लिए 4700 से अधिक शिक्षकों को विभिन्न विषयों में प्रशिक्षित (Trained) किया गया है। निदेशालय लोक शिक्षण ने प्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे व्यावसायिक शिक्षा के महत्व को प्रचारित करें ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इसका लाभ उठा सकें।
सरकार का यह कदम युवाओं को रोजगार के नए अवसर दिलाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य को साकार करने में मील का पत्थर साबित होगा।