New Rail Projects : बिहार, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना को मिले 2 रेल प्रोजेक्ट

New Rail Projects : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय की 6,798 करोड़ रुपये (लगभग) की लागत वाली 2 रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार, के 8 जिलों को लाभ मिलेगा। वहीं ये परियोजनाएं, भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 313 किलोमीटर तक की वृद्धि करेंगी।

New Rail Projects : बिहार, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना को मिले 2 रेल प्रोजेक्ट

New Rail Projects : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय की 6,798 करोड़ रुपये (लगभग) की लागत वाली 2 रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और बिहार, के 8 जिलों को लाभ मिलेगा। वहीं ये परियोजनाएं, भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 313 किलोमीटर तक की वृद्धि करेंगी।

मंजूर की गई यह दो परियोजनाओं में पहली हैं नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण। यह 256 किलोमीटर लंबा है। वहीं दूसरी परियोजना है आंध्रप्रदेश के अमरावती होकर एर्रुपलेम और नम्बुरु के बीच 57 किलोमीटर लंबी नई लाइन का निर्माण।

केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए इन परियोजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों परियोजनाएं बिहार और आंध्र प्रदेश में रेल कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देंगी।

नेपाल तक हो सकेगी कनेक्टिविटी

परियोजना के विवरण और मिथिलांचल क्षेत्र को इससे होने वाले लाभ तथा पूर्वोत्तर और नेपाल से कनेक्टिविटी पर चर्चा करते हुए, रेल मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहली परियोजना में नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंडों में कुल 256 किलोमीटर का दोहरीकरण शामिल है।

यह रणनीतिक परियोजना नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, जिससे यात्री रेलगाड़ियों और मालगाड़ियों दोनों की आवाजाही में सुविधा होगी और इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।

बिहार के 46 स्टेशनों को लाभ

उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना से 46 स्टेशनों को लाभ होगा और इसमें 310 पुलों का निर्माण शामिल है, जिनमें 3 बड़े पुल, 99 मध्यम पुल और 208 छोटे पुल शामिल हैं। बागमती नदी पर एक नया पुल भी योजना का हिस्सा है, जो उत्तर बिहार और मिथिलांचल क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगा।

कवच तकनीक भी होगी शामिल

इससे पूर्वोत्तर की ओर परिवहन सुगम होगा और धार्मिक गलियारे के विकास में योगदान मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस पहल से क्षमता में 2.25 गुना वृद्धि होगी। इसमें कवच तकनीक की स्थापना भी शामिल है, जो परिचालन दक्षता और सुरक्षा को बढ़ाती है। इस परियोजना के पांच साल के भीतर पूरा होने की उम्मीद है, जो कनेक्टिविटी में सुधार और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

2245 करोड़ से बिछेगी नई रेल लाइन

रेल भवन में तेलुगु मीडिया को संबोधित करते हुए, रेल मंत्री ने अमरावती होते हुए एर्रुपलेम और नंबुरु के बीच 57 किलोमीटर की नई रेल लाइन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसमें अनुमानित 2245 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में कृष्णा नदी पर 3.2 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण शामिल है, जो हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों के बीच कनेक्टिविटी में काफी सुधार करेगा।

इन क्षेत्रों से गुजरेगा नया रेलवे ट्रैक

नई रेल लाइन आंध्र प्रदेश के एनटीआर विजयवाड़ा और गुंटूर जिलों और तेलंगाना के खम्मम जिले से होकर गुजरेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परियोजना आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती को सीधी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे उद्योग जगत और स्थानीय आबादी दोनों के लिए आवागमन में सुधार होगा। इससे भारतीय रेल की परिचालन दक्षता और सेवा से जुड़ी विश्वसनीयता बढ़ेगी, आर्थिक विकास और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा।

सेमी हाई स्पीड ट्रैक होंगे विकसित

मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण पर सरकार का ध्यान अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने से प्रेरित है। डिजाइन की सटीकता बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक और उपग्रह डेटा का उपयोग करके, सरकार पारंपरिक टोपोशीट विधियों से आगे बढ़ रही है।

यह बदलाव खासकर बाढ़-ग्रस्त क्षेत्रों में बेहतर योजना और निष्पादन सुनिश्चित करता है, जहां सटीक डेटा एक सशक्त रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए महत्वपूर्ण है। नए रेलवे ट्रैक को अनावश्यक वक्रता को हटाकर और कवच तकनीक लगाकर सुरक्षा एवं परिचालन संबंधी दक्षता बढ़ाने के लिए सेमी-हाई-स्पीड ट्रैक (160 किलोमीटर प्रति घंटा तक) के रूप में विकसित किया जाएगा।

त्योहारों पर 7000 से ज्यादा विशेष ट्रेनें

आगामी दीपावली और छठ त्योहारों के मद्देनजर, मंत्री ने यात्री यातायात में उल्लेखनीय वृद्धि को समायोजित करने के लिए 7,000 से अधिक विशेष ट्रेनों के संचालन के लिए भारतीय रेल के प्रयासों की सराहना की।

भारतीय रेल 1 अक्टूबर से 30 नवंबर, 2024 तक त्योहारी सीजन के दौरान 1 करोड़ से अधिक यात्रियों को ले जाने के लिए तैयार है। इसके लिए 7,000 से अधिक पूजा/दिवाली/छठ स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो पिछले साल संचालित 4,429 ट्रेनों से 60 प्रतिशत अधिक है। ये स्पेशल ट्रेनें महाराष्ट्र और झारखंड के लिए चुनाव स्पेशल ट्रेनों के अलावा चलाई जा रही हैं।

छट पूजा के लिए इतने स्पेशल ट्रेन

रेल मंत्री ने यह भी कहा कि दिवाली के लिए, प्रतिदिन 136 अतिरिक्त ट्रेनें निर्धारित की गई हैं, जिसमें विभिन्न स्टेशनों पर अतिरिक्त होल्डिंग एरिया, अतिरिक्त टिकट काउंटर, खानपान संबंधी सुविधाएं, पेयजल सुविधाएं और बढ़ी हुई सुरक्षा सहित विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।

इसी तरह, छठ पूजा के लिए 2, 3 और 4 नवंबर, 2024 को 145 अतिरिक्त विशेष ट्रेनें चलेंगी, जो 5 से 8 नवंबर, 2024 को नहाए-खाए, खरना, शाम का अर्घ्य और सुबह का अर्घ्य जैसे प्रमुख अनुष्ठान के दौरान सुगम यात्रा सुनिश्चित करेंगी। भारतीय रेल इन त्योहारों के दौरान लाखों भक्तों के लिए निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करते हुए प्रतिदिन अतिरिक्त 2 लाख यात्रियों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगी।

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उत्तम मालवीय

मैं इस न्यूज वेबसाइट का ऑनर और एडिटर हूं। वर्ष 2001 से पत्रकारिता में सक्रिय हूं। सागर यूनिवर्सिटी से एमजेसी (मास्टर ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री प्राप्त की है। नवभारत भोपाल से अपने करियर की शुरुआत करने के बाद दैनिक जागरण भोपाल, राज एक्सप्रेस भोपाल, नईदुनिया और जागरण समूह के समाचार पत्र 'नवदुनिया' भोपाल में वर्षों तक सेवाएं दी। अब इस न्यूज वेबसाइट "Betul Update" का संचालन कर रहा हूं। मुझे उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए प्रतिष्ठित सरोजिनी नायडू पुरस्कार प्राप्त करने का सौभाग्य भी नवदुनिया समाचार पत्र में कार्यरत रहते हुए प्राप्त हो चुका है।

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