बैतूल जिले के भीमपुर ब्लॉक के कई गांव भारी जलसंकट से जूझ रहे। कई स्थानों पर तो लापरवाही के चलते जलसंकट अधिक गहराया है। कुछ ऐसा ही हाल ग्राम पंचायत कासमारखंडी के ग्राम जड़िया के ढाना रोजडीखेड़ा का है। यहां पुराने और धंस चुके कुएं की मरम्मत के लिए राशि स्वीकृत होने के बावजूद काम नहीं कराया जा रहा है। जबकि एक लाख की राशि निकाली जा चुकी है। दूसरी ओर ग्रामीण दो से तीन किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हो रहे हैं।
ग्रामीणों द्वारा इस संबंध में कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बैतूल के नाम से शिकायत की गई है। इसमें बताया गया है कि रोजड़ीखेड़ा में हम ग्रामवासियों को पीने पानी की अत्यधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पीने के पानी के लिये 2-3 किमी दूरी पर स्थित दूसरे गांव से सिर पर पानी लाना पड़ रहा है।
ग्राम रोजड़ीखेड़ा में एक कुआ है, जिसमें पानी रहता था। लेकिन उसमें मलबा भर जाने के कारण उसमें पानी नहीं है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा उक्त कुएं के गहरीकरण, मरम्मत तथा पटाई हेतु 4.78 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई थी। लेकिन ग्राम पंचायत सचिव व सरपंच द्वारा आज दिनांक तक कुआ गहरीकरण, मरम्मत तथा पटाई का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। जबकि उक्त स्वीकृत राशि में से एक लाख राशि का आहरण कर लिया गया है।
उक्त कुएं में मलबा गिरने के कारण उसका मुंह चौड़ा हो चुका है, जिसमें कई बार हम ग्रामीणों की मवेशी गिर जाते हैं। उक्त समस्या के संबंध में कई बार संबंधित अधिकारियों से भी निवेदन किया गया, लेकिन किसी ने भी आज तक ध्यान नहीं दिया है। ग्राम रोजडीखेड़ा उंचाई पर स्थित गांव है, जहां का भू-जल स्तर काफी नीचे है।
यहां 4-5 नलकूप का खनन किया गया है, लेकिन भू-जल स्तर नीचे होने के कारण पानी नहीं निकला है। गर्मी के दिनों में हम ग्रामवासियों के सामने प्यासे मरने की नौबत आ जाती है। उक्त समस्या के संबंध में हम ग्रामवासियों का निवेदन है कि वर्तमान में गर्मी का समय चल रहा है तथा हम ग्रामीणों को धूप में 2-3 किमी दूरी पर स्थित दूसरे गांव से सिर पर पानी लाने के कारण कई बार स्वास्थ्य संबंधी समस्या का भी सामान कर पड़ता है।
इसलिये निवेदन है कि गर्मी के सीजन भर ग्राम रोजडीखेड़ा हेतु एक पानी के टेंकर हेतु राशि स्वीकृत करते हुए ग्राम पंचायत सचिव को निर्देशित करने की कृपा करें कि गर्मी सीजन में ग्राम रोजड़ीखेड़ा के ग्रामीणों को टैंकर के माध्यम से पानी उपलब्ध कराया जाएं। इसके अलावा यदि गांव के पास नलकूप निर्माण करवाकर, नल जल योजना के तहत वाटर टैंक का निर्माण किया जाये तो हम ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो सकता है।