महिलाओं को प्रभावित करता है यह हार्मोनल विकार, समय पर इलाज नहीं तो गंभीर परिणाम संभव
PCOS : पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक सामान्य हार्मोनल विकार है जो महिलाओं को प्रभावित करता है। इस बीमारी के लक्षणों में अनियमित मासिक धर्म, वजन बढ़ना, चेहरे पर अनचाहे बाल और ओवुलेशन में समस्या शामिल हैं। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह डायबिटीज, हृदय रोग और बांझपन जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
नेचुरोपैथी और योग, बिना दवाओं के, PCOS के उपचार के लिए एक समग्र और प्राकृतिक तरीका प्रदान करते हैं। नेचुरोपैथी में आहार और डिटॉक्सिफिकेशन पर जोर दिया जाता है, जहां लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और हर्बल उपचार जैसे तुलसी और मेथी के बीज का उपयोग किया जाता है।
योग के आसन जैसे सूर्य नमस्कार, भुजंगासन और धनुरासन अंडाशय और प्रजनन अंगों में रक्त प्रवाह को सुधारकर हार्मोन को संतुलित करते हैं। साथ ही, प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम तनाव को कम करते हैं, जो PCOS का एक मुख्य कारण होता है।
नियमित व्यायाम, सही आहार, और प्राणायाम का मिश्रण PCOS को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करने में मदद करता है। इस प्राकृतिक उपचार से न केवल PCOS के लक्षण कम होते हैं, बल्कि स्वस्थ जीवन जीने का एक सही रास्ता भी मिलता है।
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